मालदीव के उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति से मिले मोदी, दोनों देशों के संबंधों पर हुई बात

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माले/नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: मालदीव की दो दिन की यात्रा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां माले में वहां के उपराष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ़, पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और संसद के अध्यक्ष अब्दुल रहीम अब्दुल्ला के साथ मुलाकात कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
श्री मोदी ने उपराष्ट्रपति के साथ मुलाकात के बाद कहा कि इस दौरान बातचीत भारत-मालदीव मैत्री के प्रमुख स्तंभों पर केन्द्रित रही और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में दोनों देशों की साझेदारी और अधिक प्रगाढ होगी। उन्होंने कहा , “उपराष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ़ के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। हमारी चर्चा भारत-मालदीव मैत्री के प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित रही। हमारे देश बुनियादी ढाँचे, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में मिलकर काम करना जारी रखे हुए हैं। यह हमारे लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। हम आने वाले वर्षों में इस साझेदारी को और गहरा करने की आशा करते हैं।”
प्रधानमंत्री ने श्री नशीद को भारत-मालदीव मैत्री के प्रबल समर्थक बताया और कहा कि मालदीव हमेशा भारत की पड़ोसी पहले की नीति का महत्वपूर्ण बिन्दू रहेगा। उन्होंने कहा, “मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति श्री मोहम्मद नशीद से मुलाकात की। वे हमेशा से भारत-मालदीव मैत्री के प्रबल समर्थक रहे हैं। मालदीव हमेशा हमारी ‘पड़ोसी पहले’ नीति और महासागर दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहेगा। भारत क्षमता निर्माण और विकासात्मक सहयोग के माध्यम से मालदीव का समर्थन करता रहेगा।”
मालदीव की संसद के अध्यक्ष श्री अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि 20वीं मजलिस में भारत-मालदीव संसदीय मैत्री समूह का गठन द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा, “पीपुल्स मजलिस के अध्यक्ष श्री अब्दुल रहीम अब्दुल्ला से मुलाकात की। भारत-मालदीव की गहरी मित्रता, जिसमें हमारी संसदों के बीच घनिष्ठ संबंध भी शामिल हैं, पर चर्चा की। 20वीं मजलिस में भारत-मालदीव संसदीय मैत्री समूह का गठन द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। भारत मालदीव में क्षमता निर्माण में सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।”
उल्लेखनीय है कि श्री मोदी शाम को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे और इसके बाद वह स्वदेश रवाना हो जायेंगे।
प्रधानमंत्री दो देशों की चार दिन की यात्रा पर 23 जुलाई को पहली चरण की यात्रा पर ब्रिटेन के लिए रवाना हुए थे।

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