समुद्री क्षेत्र में निवेश और विकास के नए अवसर पैदा कर रहा है भारत: सोनोवाल

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को कहा कि हम जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी जैसे बंदरगाहों को अब लैंडलॉर्ड मॉडल के रूप में विकसित कर रहे हैं, ताकि वे निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनें। साथ ही कंटेनर हैंडलिंग की क्षमता 10 मिलियन टीईयू (20 फुट समतुल्य इकाई) तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है और कार्गो हैंडलिंग की क्षमता 300 मिलियन मीट्रिक टन तक बढ़ाई जा रही है।
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने यहां समुद्री वित्तपोषण शिखर सम्मेलन 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीते 10 वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि 2047 तक आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वित्तीय संस्थानों और समुद्री क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों की भूमिका बेहद अहम है। इस दिशा में हमें तेजी से और बड़े पैमाने पर काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया के शीर्ष 100 बंदरगाहों में नौवें स्थान पर है और कंटेनर हैंडलिंग में हम शीर्ष 20 में आ गए हैं। यह सब दिखाता है कि हमारा बंदरगाह क्षेत्र कितना मजबूत हो चुका है। उन्होंने बताया कि सागरमाला कार्यक्रम के तहत पांच प्रमुख क्षेत्रों में काम किया जा रहा है, जिनमें बंदरगाह आधुनिकीकरण, डिजिटलीकरण, तटीय सामुदायिक विकास, लॉजिस्टिक्स और जल परिवहन शामिल हैं। इस कार्यक्रम ने व्यापार, निवेश और विकास के नए अवसर पैदा किए हैं और यह भारतीय बंदरगाहों को वैश्विक मानकों पर लाने में सहायक बना है। अब हमारे बंदरगाह ‘घर’ जैसे लगने लगे हैं और कारोबारी गतिविधियां सहज हो रही हैं।
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने इस बात पर जोर दिया कि समुद्री क्षेत्र को आम लोगों के लिए भी आकर्षक और समझने लायक बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस क्षेत्र की सफलता की कहानियों से प्रेरणा लेनी चाहिए और इस दिशा में करियर के अवसर तलाशने चाहिए। ट्रांसपोर्टरों के लिए यह समय सुनहरा है, क्योंकि अब एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कार्गो, पोस्टल कार्गो, तटीय शिपिंग, जलमार्ग, क्रूज़ और अन्य सेवाओं में तीव्र गति से प्रगति हो रही है।

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