जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य के लिए समय पर प्रसव पूर्व जाँच जरूरी: सीएस

0
8d43e38f030f862b13bfdc28aa6f7c2f

बेतिया{ गहरी खोज }:प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी अनुमण्डलीय अस्पतालों, पीएचसी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच की गईं है। इस सम्बन्ध में सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया की अब महीने में तीन बार 09, 15 एवं 21 तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष कैंप लगाते हुए गर्भवती महिलाओं की जाँच की जा रहीं है। जिसमें चिकित्सकों के द्वारा एनीमिया, कुपोषण, गर्भवस्था के खतरों से बचाव हेतु जाँच के साथ सुझाव दी जा रहीं है।
उन्होंने बताया की आज स्वास्थ्य केंद्र पर सैकड़ों की संख्या में हरनाटांड, बगहा, व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष कैंप लगाते हुए बीपी, शुगर, वजन, ब्लड प्रतिशत, बच्चे के स्वास्थ्य, दिल की धड़कन की जाँच की। इस दौरान आयरन, कैल्शियम व अन्य दवाओं का वितरण किया जाएगा।जिले के सीएस डॉ विजय कुमार एवं ज़ीएमसीएच बेतिया की डीएस सुधा भारती ने कहा की गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच का उद्देश्य – जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान कर उनके उचित इलाज का प्रबंधन करना है जिससे गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, साथ ही जच्चा एवं बच्चा दोनों ही सुरक्षित रहें।बगहा अनुमण्डलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अशोक तिवारी ने बताया की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत अब महिलाओं की महीने में 03 बार प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच से जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थान पर आने वाली महिलाओ को लाभ पहुंचेगा।
डॉ तिवारी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव के साथ ही महिला बंध्याकरण व पुरुष नसबन्दी कराई जाती है। उन्होंने कहा कि महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया सरल है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *