मुंबई की लोकल ट्रेनों में सिर्फ 11 मिनट में फटे थे 7 कुकर बम, स्टेशनों पर लग गया था लाशों का ढेर

मुंबई{ गहरी खोज }: मुंबई में 11 जुलाई, 2006 की शाम को पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेन के 7 डिब्बों में हुए बम धमाकों की भयावह याद 19 साल बाद हाई कोर्ट के फैसले ने ताजा कर दी। कोर्ट ने भले ही 12 दोषियों को बरी कर दिया हो, लेकिन सिर्फ 11 मिनट में हुए 7 प्रेशर कुकर बम धमाकों में 209 लोगों की जान गई थी और 800 से ज्यादा घायल हुए थे। मुंबई के बोरीवली, माटुंगा रोड, माहिम आदि स्टेशनों पर जैसे लाशों के ढेर लग गए थे। यह मुंबई के इतिहास का एक काला अध्याय था।
मुंबई की एक लोकल ट्रेन में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को 19 साल बाद अपना फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को बरी कर दिया है, जिससे पुलिस व आतंकवाद निरोधी दस्ते की जांच को बड़ा झटका लगा है। मुंबई में पश्चिम रेलवे लाइन पर माटुंगा और मीरा रोड स्टेशनों के बीच 11 मिनट में कुल सात विस्फोट हुए थे। उस समय जांच एजेंसियों के अनुसार ये विस्फोट पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा संगठन ने किए थे। आतंकवादियों ने इन विस्फोटों के लिए प्रेशर कुकर बम का इस्तेमाल किया था। पहला विस्फोट सुबह 6.24 बजे और आखिरी विस्फोट सुबह 6.35 बजे हुआ था। ये 7 विस्फोट माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, खार रोड, जोगेश्वरी, बोरीवली और मीरा रोड स्टेशनों के बीच कुछ मिनटों के अंतराल पर हुए।
ये विस्फोट इतने शक्तिशाली थे कि ट्रेन के डिब्बे तक उड़ गए थे। पहला धमाका 6.24 बजे, दूसरा 6.24 बजे, तीसरा 6.25 बजे, चौथा 6.26 बजे, पांचवां 6.29 बजे, छठा 6.30 बजे और सातवां 6.35 बजे हुआ। इनमें से तीन धमाके बांद्रा-खार रोड, मीरा रोड-भायंदर और माटुंगा रोड-माहिम स्टेशनों के बीच हुए। तीन अन्य धमाके उस समय हुए जब लोकल ट्रेनें माहिम, जोगेश्वरी और बोरीवली स्टेशनों से निकल रही थीं। माहिम में हुए धमाके में सबसे ज़्यादा मौतें हुईं। यह लोकल ट्रेन चर्चगेट से बोरीवली जा रही थी। इस ट्रेन में 43 यात्रियों की मौत हो गई थी। आतंकवादियों ने इन धमाकों के लिए प्रेशर कुकर बमों का इस्तेमाल किया था। इन बमों में आरडीएक्स, अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और कीलों का इस्तेमाल किया गया था। विस्फोट के बाद मलबे में एक प्रेशर कुकर के हैंडल मिले थे। इन विस्फोटों के बाद मुंबई में रेल यातायात तुरंत रोक दिया गया।
बाद में हुई जांच के दौरान कुछ बिना फटे कुकर बम मिले। इन शक्तिशाली विस्फोटों के कारण ट्रेन में बैठे यात्रियों के शरीर टुकड़ों में कट गए थे। इन विस्फोटों के बाद बड़ी संख्या में घायल लोगों को मुंबई के सभी सरकारी अस्पतालों में लाया गया। ये सभी विस्फोट लोकल ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बों में हुए। ज्यादातर बम चर्चगेट से निकलने वाली लोकल ट्रेनों में लगाए गए थे। जांच के दौरान एक सिद्धांत सामने आया कि लश्कर-ए-तैयबा ने गुजरात में हुई हिंसा का बदला लेने के लिए मुंबई में गुजराती नागरिकों को निशाना बनाने के लिए ये विस्फोट किए थे, लेकिन इस घटना से पूरी मुंबई स्तब्ध रह गई थी। इस घटना के आरोपितों के विरुद्ध जांच एजेंसियां सटीक सबूत नहीं जुटा सकीं, इसी आधार पर हाई कोर्ट ने सभी आरोपितों की बरी करने का फैसला सुनाया है, लेकिन 11 जुलाई को हुए इस बम विस्फोट को भुलाना संभव नहीं है।