उप्र में मोबाइल कोर्ट के जरिए 677 शिकायतों का निस्तारण

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विभिन्न माध्यमों से प्राप्त कुल 2,699 शिकायतें में से 2,660 का किया जा चुका है निस्तारण
लखनऊ{ गहरी खोज }: राज्य सरकार दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें शीघ्र न्याय उपलब्ध कराने के लिए निरंतर सक्रिय है। इसी क्रम में राज्य आयुक्त की अध्यक्षता में प्रदेश के विभिन्न जिलाें में मोबाइल कोर्ट आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें अब तक कुल 677 शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया गया है। इन मोबाइल कोर्टों का आयोजन मेरठ, सुल्तानपुर, अमेठी, अयोध्या, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोण्डा, बहराइच और बलरामपुर जैसे जनपदों में किया गया, जहां दिव्यांगजनों की समस्याओं को मौके पर ही सुना गया और संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी कर समाधान कराया गया। इस प्रयास से दिव्यांगजनों को उनके क्षेत्र में ही न्याय मिला और उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़े।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि दिव्यांगजनों से जुड़ी शिकायतों के शीघ्र निस्तारण के लिए प्रशासनिक जिम्मेदारी भी स्पष्ट की गई है। प्रदेश में राज्य आयुक्त दिव्यांगजन की नियुक्ति के साथ ही दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को ‘अपर आयुक्त’ तथा जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारियों को ‘सहायक आयुक्त’ नामित किया गया है। इससे स्थानीय स्तर पर शिकायतों की निगरानी और समाधान की प्रक्रिया अधिक प्रभावी बनी है। प्रदेश के त्र9 जिलों में मोबाइल कोर्ट आयोजित किया गया है, जिनमें अब तक प्राप्त कुल 677 शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया गया है। राज्य आयुक्त कार्यालय को वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 503 शिकायतें प्राप्त हुईं, जबकि 2025-26 (अब तक) में 91 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 58 शिकायतों पर कार्यवाही पूरी हो चुकी है, जबकि 33 शिकायतें प्रक्रियाधीन हैं।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से प्राप्त मई 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, ऑनलाइन पोर्टल, पीजीआई पोर्टल और मुख्यमंत्री संदर्भ के माध्यम से कुल 2,699 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 2,660 का निस्तारण किया जा चुका है। यानी महज 39 शिकायतें ही लंबित हैं और विशेष बात यह है कि कोई भी शिकायत डिफॉल्टर की श्रेणी में नहीं है। यह दर्शाता है कि योगी सरकार दिव्यांगजनों की समस्याओं को लेकर कितनी गंभीर और संवेदनशील है। चाहे वो पेंशन की समस्या हो, प्रमाण पत्र से जुड़ी अड़चनें हों या अन्य सामाजिक-सुविधाओं से जुड़ी शिकायतें, सरकार का तंत्र त्वरित गति से इनका समाधान कर रहा है। मुख्यमंत्री संदर्भ के अंतर्गत कुल 212 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 206 का समाधान किया जा चुका है। वहीं, पीजी पोर्टल पर 404 में से 394, ऑनलाइन माध्यम से 233 में से 229 तथा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त 1850 में से 1831 मामलों का निस्तारण कर लिया गया है।
मोबाइल कोर्ट के आयोजन दिव्यांगजनों को केवल त्वरित न्याय ही नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और अधिकारों की पुनः स्थापना का अनुभव भी कराते हैं। यह पहल ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना को साकार करती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा दिव्यांगजनों के लिए समावेशी नीतियों पर बल दिया है, जिनका असर अब जमीनी स्तर पर साफ दिख रहा है।

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