बिहार को कांग्रेस-राजद की बुरी नीयत से बचाने की जरूरतः प्रधानमंत्री

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  • प्रधानमंत्री ने मोतिहारी में 7,200 करोड़ से अधिक की विकास परियोजाओं का किया उद्घाटन, शिलान्यास
    नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के मोतिहारी में आज एक कार्यक्रम के दौरान 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य अब तेजी से विकास कर रहा है और माओवाद समाप्ति की ओर है। वहीं केन्द्र और राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को बिहार में ही रोजगार देने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने इस नारे को दोहराया, “बनाएंगे नया बिहार फिर एक बार एनडीए सरकार।”राज्य के मुख्य विपक्षी दलों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को पिछड़ा विरोधी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन पार्टियों ने अपने परिवार के बाहर किसी को सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “इन लोगों का अहंकार आज पूरा बिहार देख रहा है। हमें बिहार को इनकी बुरी नीयत से बचाकर रखना है।”
    प्रधानमंत्री ने रेल, सड़क, मत्स्य पालन, आईटी और ग्रामीण विकास क्षेत्रों की परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने चंपारण को ऐतिहासिक धरती बताते हुए कहा कि यह धरती अब बिहार के नए भविष्य को बनाने में प्रेरित करेगी। इस दौरान विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बिहार के तेजी से हो रहे विकास और माओवाद के खत्म हो रहे प्रभाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चंपारण, गया, औरंगाबाद, जमुई जैसे जिलों में कभी माओवाद का अंधकार था, अब वहां के नौजवान बड़े सपने देख रहे हैं। माओवाद अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने बिहार के युवाओं को राज्य में ही रोजगार देने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि नीतीश सरकार ने पारदर्शिता के साथ लाखों युवाओं को नौकरी दी है। केंद्र सरकार भी इसमें पूरा सहयोग दे रही है।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बिहार आगे बढ़ रहा है, जिसके पीछे महिलाओं की बड़ी भूमिका है। उन्होंने राजग सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं, जिनमें से 60 लाख बिहार में हैं। अकेले मोतिहारी में 3 लाख से अधिक पक्के घर दिए गए हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस के राज में गरीब को पक्का घर मिलना असंभव था और लोग डर के कारण घरों में रंग-रोगन तक नहीं करवा पाते थे।
    उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को जानना चाहिए कि राजद और कांग्रेस के शासनकाल में बिहार विकास से वंचित था। केंद्र सरकार ने बीते 10 वर्षों में बिहार को पहले से कई गुना अधिक राशि दी है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि पूर्वी भारत में भी मुंबई, पुणे, सूरत और बंगलुरू जैसे औद्योगिक और विकास के केंद्र बनें। मोतिहारी, गया, पटना, संथाल परगना, जलपाईगुड़ी और वीरभूम जैसे क्षेत्रों को भी राष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी।
    प्रधानमंत्री ने आज कार्यक्रम के दौरान समस्तीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन की स्वचालित सिग्नलिंग, दरभंगा-समस्तीपुर दोहरीकरण, पाटलिपुत्र में वंदे भारत रखरखाव सुविधा और चार अमृत भारत ट्रेनों का उद्घाटन किया। उन्होंने एनएच-319 और एनएच-333सी की परियोजनाएं शुरू कीं, दरभंगा और पटना में एसटीपीआई केंद्रों का उद्घाटन किया तथा मत्स्य पालन अवसंरचना की शुरुआत की। महिला-नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देते हुए 61,500 स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपये और 40,000 आवास योजना लाभार्थियों को 160 करोड़ रुपये जारी किए।

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