चीन ने दक्षिण पश्चिम तट से प्रशांत महासागर तक बढ़ाई सैन्य गतिविधियां

0
18-4

टोक्यो{ गहरी खोज }: चीन जापान के दक्षिण-पश्चिम तट से लेकर प्रशांत महासागर तक अपनी सैन्य गतिविधियां लगातार बढ़ा रहा है। जापान ने इसे सबसे बड़ा रणनीतिक खतरा माना है। जापान ने मंगलवार को जारी अपनी वार्षिक रक्षा रिपोर्ट में चीन की तेज़ी से बढ़ती इन सैन्य गतिविधियों को लेकर चेतावनी जारी की है। जापान ने चीन की इस हरकत को देश के लिए बड़ी रणनीतिक चुनौती माना है।
जापान के रक्षा मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा कि चीन का रूस के साथ सैन्य सहयोग का बढ़ना, ताइवान को लेकर जारी तनाव और उत्तर कोरिया से आने वाले खतरों के साथ मिलकर देश की सुरक्षा के लिए चीन की यह सैन्य गतिविधियां गंभीर चिंता का विषय हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी चुनौतियों के युग में प्रवेश कर चुका है। यह भी उल्लेख किया कि अमेरिका-चीन प्रतिद्वंद्विता के बढ़ते तनाव से वैश्विक शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव आ रहा है। यह खतरे विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में केंद्रित हैं, जहां जापान स्थित है और भविष्य में स्थिति और भी खराब हो सकती है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने जापान के इस दावे की आलोचना करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट “चीन के प्रति गलत धारणा अपनाती है और उसके आंतरिक मामलों में अनुचित हस्तक्षेप करती है। यह भी कहा कि यह रिपोर्ट तथाकथित ‘चीनी खतरे’ को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है।” लिन जियान ने कहा कि बीजिंग ने इस मुद्दे पर जापान के सामने विरोध दर्ज कराया है और चीन की सैन्य गतिविधियों को “वैध और तार्किक” बताया। लिन ने जापान से अपील की कि वह अपने युद्धकालीन इतिहास से सबक ले और क्षेत्रीय तनाव को भड़काने व सैन्य विस्तार को सही ठहराने के लिए चीन से जुड़े मुद्दों को बहाना बनाना बंद करे।
रिपोर्ट के अनुसार चीन प्रशांत क्षेत्र को भी अशांत कर रहा है। इस महासागर में चीनी युद्धपोतों की उपस्थितियां लगातार बढ़ रही हैं और जापान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों खासतौर पर ताइवान और जापान के योनागुनी द्वीप के बीच में उसकी आवाजाही पिछले तीन वर्षों में तीन गुना अधिक हो चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *