सर्कुलर इकोनॉमी के लिए स्वच्छ भारत मिशन 2.0 कैसे बना वरदान: मंत्री मनोहर लाल

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 और सर्कुलर इकोनॉमी के बढ़ते प्रभाव को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में शुरू हुए स्वच्छ भारत मिशन ने केवल पांच वर्षों में 2019 तक देश को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इस सफलता को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छता एक सतत प्रक्रिया है जो थमती नहीं है।
मंत्री ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को 01 अक्टूबर 2021 से कचरा मुक्त शहरों के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ाया गया है। इसके तहत देशभर में 80 प्रतिशत ठोस कचरे का वैज्ञानिक तरीके से प्रसंस्करण हो रहा है, जबकि घर-घर जाकर कचरा संग्रहण का दायरा 98 प्रतिशत तक पहुंच गया है। आज देश के कई शहरों ने 5 और 7 सितारा गार्बेज फ्री सिटी रेटिंग प्राप्त कर ली है, जो इस अभियान की सफलता का प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि अब केवल कचरा हटाना ही नहीं बल्कि उसे रिसाइकिल कर उपयोगी बनाना सरकार की प्राथमिकता है। कचरे से कंपोस्ट खाद, बायोगैस और निर्माण मलबे से ईंटें बनाई जा रही हैं। साथ ही, सीवेज ट्रीटमेंट के बाद पानी को खेती और उद्योगों में फिर से इस्तेमाल किया जा रहा है। यह सब सर्कुलर इकोनॉमी के उस सिद्धांत को दर्शाता है जहां ‘वेस्ट भी बेस्ट’ बन रहा है। मंत्री ने हाल ही में जारी जयपुर डिक्लेरेशन का जिक्र करते हुए कहा कि यह सर्कुलर इकोनॉमी को अपनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो संसाधन दक्षता और सतत विकास को बढ़ावा देता है।

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