ईडी की बेंगलुरु में 100 करोड़ रुपये की ‘धोखाधड़ी’ मामले में छापेमारी

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नई दिल्‍ली{ गहरी खोज }: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एक स्थानीय बैंक के प्रमोटरों की ओर से 15,000 से अधिक जमाकर्ताओं के साथ 100 करोड़ रुपये के जमा घोटाले के सिलसिले में छापेमारी की है। यह छापे मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत बेंगलुरु और उसके आसपास के 15 से ज्‍यादा ठिकानों पर मारे गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने सुश्रुति सौहार्द बैंक, श्रुति सौहार्द बैंक और श्री लक्ष्मी सौहार्द बैंक से जुड़े 100 करोड़ रुपये के कथित जमा घोटाले के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत छापे मारे हैं। ये छापे बैंक के प्रवर्तकों, एन. श्रीनिवास मूर्ति और उनके परिवार के सदस्यों पर मारे गए हैं, जिन पर जमा राशि पर उच्च ब्याज दरों का लालच देकर 15,000 से ज्‍यादा जमाकर्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है।
ईडी के मुताबिक जमा राशि सुरक्षित होने के बाद धन को प्रवर्तकों के करीबी सहयोगियों को असुरक्षित ऋणों के जरिए हस्तांतरित कर दिया गया। इसके बाद फिर इस धन का शोधन करके संपत्तियां खरीदने में इस्तेमाल किया गया, जो धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का स्पष्ट उल्लंघन है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने प्रमोटरों से जुड़ी 20 से ज्यादा संपत्तियों का पता लगाया है। इनमें से ज्‍यादातर ऋण गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गए। इस मामले में अपराध से प्राप्त आय (पीओसी) 100 करोड़ रुपये से अधिक है। भविष्य में इन्हें धन शोधन विरोधी कानून के तहत जब्त किया जा सकता है।

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