ईरान ने परमाणु बातचीत को लेकर अमेरिका के सामने रखी शर्त, मांगी इस बात की गारंटी

0
p5-10

तेहरान{ गहरी खोज }: अमेरिका के साथ बातचीत को लेकर ईरानने एक बड़ी शर्त रखी है। ईरान का कहना है कि वह अमेरिका से तभी बात करेगा, जब उसे इस बात की गारंटी मिले कि अमेरिका फिर से उस पर हमला नहीं करेगा। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने फ्रांसीसी अखबार से बातचीत में यह कहा है। इसके अलावा उसने यह भी मांग उठाई है कि अमेरिकी हमलों के चलते उसके परमाणु ठिकानों को जो नुकसान पहुंचा है, उसके बदले मुआवजा दिया जाए। अब्बास अरागची ने यह बातें फ्रांसीसी अखबार ले मोंदे से बातचीत में कही हैं। गौरतलब है कि ईरान और इजरायल युद्ध के दौरान अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बम बरसाए थे। बताया जाता है कि इस दौरान ईरान को काफी नुकसान पहुंचा था।
ईरान के विदेश मंत्री ने कहाकि डिप्लोमेसी का रास्ता बंद नहीं हुआ है। लेकिन यह दो-तरफा रास्ता होता है। अमेरिका को अपने काम की जिम्मेदारी लेनी होगी। खासतौर पर उन हमलों की, जो उसने हाल ही में ईरान के परमाणु ठिकानों पर अंजाम दिए हैं। इसके अलावा अरागची ने ट्रंप के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि हवाई हमलों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम नष्ट हो गया है। उन्होंने आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी का हवाला देते हुए कहाकि परमाणु कार्यक्रम केवल कुछ महीनों के लिए डिले हुआ है। अरागची ने कहाकि अमेरिकी हमले के बाद हमारे शांतिपूर्ण परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान हुआ है। हम अभी भी इसका आकलन कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि हमें मुआवजे की मांग करने का अधिकार है। इसके साथ ही ईरान के विदेश मंत्री ने परमाणु कार्यक्रम बंद न करने को लेकर अपना मजबूत इरादा भी जाहिर किया। उन्होंने कहाकि यह सोचना गलतफहमी है कि अपनी ऊर्जा, चिकित्सा और किसानी की जरूरतों को पूरा करने वाले परमाणु कार्यक्रम को हम छोड़ देंगे। अरागची ने इस बात पर भी जोर दिया कि ईरान की परमाणु गतिविधियां आईएईए की निगरानी में हैं और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करती हैं। उन्होंने कहाकि इच्छाशक्ति से हासिल की गई प्रगति के बमों से खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहाकि आईएईए की मॉनिटरिंग में चल रहे एक परमाणु ठिकाने पर किसी पश्चिमी देश का हमला करना, खुद कानून पर हमला करने के समान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *