एनआईए ने कट्टरपंथ फैलाने के मामले में कर्नाटक से तीन लोगों को किया गिरफ्तार

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े 2023 के जेल में कट्टरपंथ फैलाने के मामले में कर्नाटक के बेंगलुरु और कोलार जिलों में चलाए गए तलाशी अभियान में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने यह जानकारी अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट के माध्यम से दी है। एनआईए के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों में बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा जेल के मनोचिकित्सक डॉ. नागराज, सिटी आर्म्ड रिजर्व के एएसआई चान पाशा और एक फरार आरोपी की मां अनीस फातिमा शामिल हैं।
एनआईए ने बेंगलुरु और कोलार जिलों की पांच जगहों पर तलाशी अभियान चलाया, जिसमें इन आरोपियों और अन्य संदिग्धों के घरों से डिजिटल उपकरण, नकदी, सोना और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। यह मामला लश्कर-ए-तैयबा के एजेंडे को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से बेंगलुरु में आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने से जुड़ा है।
एनआईए के अनुसार , जांच में सामने आया है कि डॉ. नागराज ने कैदियों तक मोबाइल फोन पहुंचाया था। इन कैदियों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा आतंकी तदियांदवीद नसीर उर्फ टी. नसीर भी शामिल था। इस आतंकी गतिविधि में नागराज को पवित्रा नामक महिला का सहयोग भी मिला था।
इसके अलावा, एनआईए ने अनीस फातिमा के घर की भी तलाशी ली, जो फरार आरोपी जुनैद अहमद की मां है और उसने नसीर के निर्देश पर अपने बेटे के लिए धन एकत्र कर उसे जेल में भेजने की भूमिका निभाई थी। एएसआई चान पाशा पर भी आरोप है कि उसने वर्ष 2022 में पैसों के बदले टी. नसीर की जेल से अदालतों में पेशी की सूचनाएं लीक की थीं।
उल्लेखनीय है कि एनआईए इस मामले में अब तक नौ आरोपितों के खिलाफ आईपीसी, यूए(पी) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। फरार आरोपितों की तलाश जारी है।

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