फगवाड़ा गौमांस फैक्टरी कांड

संपादकीय { गहरी खोज }: फगवाड़ा में पिछले दिनों में संयुक्त गौ रक्षा दल पंजाब और हिन्दू शिव सेना तथा अन्य हिन्दू संगठनों की नगर के पास ज्योति ढाबे के पीछे चल रही गौमांस की फैक्टरी को बेनकाब करने में प्रमुख भूमिका रही। इतने बड़े स्तर पर गौमांस की फैक्टरी बिना स्थानीय पुलिस व प्रशासन की मिली भगत से चलना असंभव है। लम्बे समय से चल रही इस फैक्टरी से टनों के हिसाब से गौमांस की तस्करी होती रही। फगवाड़ा से विधायक बलविन्द्र सिंह धालीवाल का आरोप है कि उसने इस रैकेट को लेकर पुलिस व प्रशासन को पहले ही सूचना दी थी लेकिन कार्रवाई न होने के कारण यह धंधा चलता रहा।
प्रकाशित समाचार के अनुसार फैक्टरी के अंदर क्विंटलों में गौमांस खासकर ‘वील मीट’ (6 मास से छोटे गौ के बछड़े एवं गाय) के ‘हलाल’ लिखित असंख्य पैकेट मिले हैं, उससे यह प्रमाणित हो रहा है कि फगवाड़ा में दर्जनों के हिसाब से नहीं अपितु हजारों की संख्या में गाय, छोटे बछड़े और अल्प आयु की गायों की नृशंस हत्याएं की गई हैं।
सूत्रों के अनुसार ‘वील मीट’ के पैकेट और मौके पर बरामद गौमांस इस बात की गवाही दे रहे हैं कि गऊओं की हत्या तेजधार दातरों से नहीं अपितु मोटरयुक्त आरियों का प्रयोग कर अंजाम दी गई है। इससे भी खौफजदा और खतरनाक तथ्य यह है कि फगवाड़ा की इस अवैध गौमांस की फैक्टरी में जहां उत्तर प्रदेश के रहने वाले 3 लोग शामिल हैं, वहीं इस रैकेट में म्यांमार के रोहिंग्या भी शामिल हैं। इसका प्रमाण फगवाड़ा पुलिस द्वारा थाना सिटी में दर्ज की गई एफ.आई.आर है। गौमांस फैक्टरी कांड में अभी तक 7 आरोपी पकड़े गए हैं और अन्य 7 की तलाश में पुलिस छापे मार रही है।
शिवसेना हिन्दुस्तान और हिन्दुस्तान शक्ति सेना ने इस गौ हत्याकांड की निंदा करते हुए पंजाब सरकार से मांग की कि इस हत्याकांड के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को सजा दी जाए। पवन गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री को पंजाब के हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने मांग की कि इस गौ हत्या में शामिल सभी अपराधियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के अतंर्गत मुकद्दमा दर्ज किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब कैबिनेट और विधानसभा में एक प्रस्ताव लाकर ऐसे कठोर कानून बनाएं, जो सभी धार्मिक ग्रंथों और धार्मिक मूर्तियों का अपमान करने वालों को सख्त सजा दे। इसी तरह गौ हत्या को भी धार्मिक ग्रंथों और मूर्तियों के अपमान के बराबर अपराध माना जाए और उस पर भी धारा 302 लागू हो।
पवन गुप्ता ने कहा कि जब हिन्दू समाज में गौ माता और गौवंश को लेकर इतनी धार्मिक मान्यताएं हैं तो फिर केन्द्र सरकार अपने कार्यकाल में इस दिशा में अब तक ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही है? उन्होंने चेतावनी दी कि फगवाड़ा में हुई इस गौ हत्या की घटना के कारण पंजाब का हिन्दू समाज आक्रोश में है और इस विषय पर सभी हिन्दू संगठनों के साथ विचार विमर्श कर शीघ्र ही एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
महाभारत में एक प्रसंग आता है, राजा सौदास महर्षि वसिष्ठ से गौ महिमा के बारे पूछते हैं तो महर्षि कहते हैं : राजन् ! गौओं के शरीर से अनेक प्रकार की मनोरम सुगन्ध निकलती रहती है तथा बहुतेरी गौएं गुग्गुल के समान गन्धवाली होती हैं। गौएं समस्त प्राणियों की प्रतिष्ठा (आधार) हैं और गौएं ही उनके लिए महान मङ्गलकी निधि हैं। गौएं ही भूत और भविष्य हैं। गौएं ही सदा रहने वाली पुष्टि का कारण तथा लक्ष्मी की जड़ हैं। गौओं को जो कुछ दिया जाता है, उसका पुण्य कभी नष्ट नहीं होता।
गौएं की सर्वोत्तम अन्न की प्राप्ति में कारण है। वे ही देवताओं को उत्तम भविष्य प्रदान करती हैं। स्वाहाकार (देवयज्ञ) और वषट्कार (इन्द्रयाग) ये दोनों कर्म सदा गौओं पर ही अवलम्बित हैं। गौएं ही यज्ञ का फल देने वाली हैं। उन्हीं में यज्ञों की प्रतिष्ठा है। गौएं ही भूत और भविष्य हैं। उन्हीं में यज्ञ प्रतिष्ठित हैं अर्थात् यज्ञ गौओं पर ही निर्भर है। महातेजस्वी पुरुष प्रवर! प्रातः काल और सायंकाल सदा होम के समय ऋषियों को गौएं ही हवनीय पदार्थ (घृत आदि) देती हैं। प्रभो! जो लोग (नव प्रसूति का दूध देने वाली) गौ का दान करते हैं, वे जो कोई भी दुर्गम संकट आने वाले होते हैं उन सबसे, अपने किए हुए दुष्कर्मों से तथा समस्त पाप-समूह से भी तर जाते हैं।
सनातन धर्म में माना गया है कि गौ के शरीर में सभी देवताओं का और पैरों में समस्त तीर्थों का निवास है। हिन्दू समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार को गौ मांस फैक्टरी कांड के आरोपियों को भी पकड़ कर कटघरे में खड़ा कर कठोर से कठोर सजा दिलवानी चाहिए। इन लोगों ने गौ हत्या कर जहां जीव हत्या की है वहीं हिन्दू समाज की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है। इनको इनके किए की सजा मिलनी चाहिए। फगवाड़ा के ही नहीं बल्कि पंजाब के सभी गौ प्रेमियों को इस मामले में एकजुट होकर मामले की पैरवी करनी चाहिए। इस मामले में लापरवाही हिन्दू समाज के लिए बहुत घातक साबित होगी।