सपाट पिच और ड्यूक्स बॉल इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट के सार को खत्म कर रहा है: गिल

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बर्मिंघम{ गहरी खोज }: भारतीय टीम के कप्तान शुभमन गिल का मानना है कि सपाट पिचों और ड्यूक्स गेंद का संयोजन इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट के सार को खत्म कर रहा है।
इंग्लैंड को 336 रनों से हराने के बाद परिस्थितियों को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में गिल ने कहा, “गेंदबाजो के लिए यह बहुत मुश्किल हो जाता है। जब विकेट से भी ज्यादा, गेंद बहुत जल्दी नरम और खराब हो जाती है। मुझे नहीं पता कि यह क्या है मौसम, विकेट या कुछ और लेकिन गेंदबाजों के लिए इन परिस्थितियों में विकेट लेना बहुत कठिन हो जाता है। एक टीम के रूप में, जब आपको पता होता है कि विकेट लेना मुश्किल है और रन आसानी से बन रहे हैं, तो ऐसे में बहुत सी चीजें आपके नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं।”
गिल ने एजबेस्टन में दो पारियों में 269 और 161 रन बनाने को लेकर कहा, “कभी-कभी, विशेषकर जब आप कप्तान होते हैं, तो मुझे लगता है कि आपको उदाहरण पेश करना होता है ताकि जब भी कोई दूसरा खिलाड़ी उस स्थिति में हो, तो आप उस खिलाड़ी को निर्देश दे सकें। ‘यही टीम को अभी चाहिए और आपको हमेशा अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं के बजाय टीम को पहले रखना चाहिए।’ या कभी-कभी आप कुछ चीजे आजमाना चाहते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अगर आप टीम को अपने से आगे रखते हैं, तो आप हमेशा सही दिशा में या सही रास्ते पर चलेंगे और यही मैं इस मैच में करना चाहता था। जब मैं मैदान पर हूं यथासंभव लंबे समय तक खेलना चाहता हूं। जब तक कोई अच्छी गेंद मुझे आउट कर देती है। ”
भारत की बल्लेबाजी की पूरी ताकत को देखने के बाद गिल ने मजाक में कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इंग्लैंड फिर से इतनी सपाट पिच बनाएगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें मध्य ओवरों के दौरान कुलदीप यादव की कलाई की स्पिन की कमी खलती है। उन्होंने कहा कि उनके लिए कुलदीप जैसी गुणवत्ता वाले गेंदबाज को बाहर रखना आसान नहीं था, लेकिन उन्हें लगा कि उन्हें थोड़ी गहराई की आवश्यकता है जो वाॅशिंगटन सुंदर दे सकते थे और उन्होंने दी भी।
भारत को इतने लंबे टेस्ट मैच खेलने की आदत नहीं है। घरेलू पिचों पर स्पिन को मदद मिलती है और जब भारत बाहर खेलता है तो उसे हरी घास वाली पिच मिलती है। उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से इससे हमें बहुत मदद मिली। मैं कहूंगा कि भारत में जब हम खेलते हैं तो अधिकतर टेस्ट मैच पांच दिन तक नहीं चलते। लेकिन सौभाग्य से जब हम यहां खेलते हैं तो ज्यादातर दिन हम बल्लेबाजी करते हैं और क्षेत्ररक्षण नहीं करते, इसलिए यह हमारे लिए अच्छा है। पहली पारी में भी, मुझे लगता है कि हमने लगभग 90 ओवर क्षेत्ररक्षण किया, जो लगभग एक दिन के बराबर है। इसलिए मुझे लगता है कि यह अच्छा है। मुझे लगता है कि सीरीज में भी, आने वाले मैचों में अगर आप लगातार रन बनाने में सक्षम हैं और 400 या 300 के आसपास का स्कोर बनाते हैं, तो हम हमेशा खेल में बने रहेंगे।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि कम से कम थोड़ी मदद तो मिलनी ही चाहिए। अगर गेंद कुछ कर रही है, तो आपको खेलने में मजा आता है। अगर आपको पता है कि मदद केवल 20 ओवर में ही मिलेगी और फिर आपको शेष दिन रक्षात्मक होकर यह सोचना है कि रन कैसे रोकें, तो खेल अपना सार खो देता है।”

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