जीआईएम विनिर्माण प्रतिबद्धताओं में 62 प्रतिशत को परियोजना प्रस्तावों में बदला गया: मंत्री पाटिल

बेंगलुरु { गहरी खोज }: कर्नाटक के बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री एम बी पाटिल ने शनिवार को कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘इन्वेस्ट कर्नाटक-2025’ में विनिर्माण क्षेत्र के लिए 5.56 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुईं, जिनमें से लगभग 3.4 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों के लिए औपचारिक परियोजना आवेदन पहले ही आ चुके हैं।
इसका मतलब है कि विनिर्माण क्षेत्र की 62 प्रतिशत प्रतिबद्धताओं को परियोजना प्रस्तावों में बदल दिया गया है। पाटिल ने कहा कि यह मजबूत रूपांतरण दर निवेशकों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) के बाद निरंतर जुड़ाव को दर्शाती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि निवेश की मंशा ठोस कार्रवाई में तब्दील हो।
मंत्री के कार्यालय ने बयान में बताया कि पाटिल उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। सत्र में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।
पाटिल ने कहा, “क्रोन्स, सफ़्रान, टीएएसएल और कई अन्य कंपनियों ने पहले ही राज्य के पास औपचारिक आवेदन दायर कर दिए हैं, जिनमें से कई ने जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है।”
उन्होंने कहा, “इंडिगो और एयर इंडिया, दोनों ही कर्नाटक में एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) सुविधाओं का संचालन कर रहे हैं। टीएएसएल की आगामी एमआरओ इकाई और एचएएल के मौजूदा परिचालन के साथ, कर्नाटक ने वास्तव में ‘एशिया की एमआरओ राजधानी’ के रूप में अपनी जगह बनाई है।” पाटिल ने कहा कि जीआईएम के दौरान प्राप्त कुल 10.27 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताओं में 4.34 लाख करोड़ रुपये (लगभग 42 प्रतिशत) की प्रतिबद्धताएं पहले ही परियोजना प्रस्तावों में बदल चुकी हैं।