सिर्फ 1 महीने में हेल्दी बनाएं किडनी और दिमाग, बस अपना लें बाबा रामदेव के बताए ये नेचुरल उपाय

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: भले ही इंसान कितनी भी तरक्की कर ले, कितनी भी टेक्नोलॉजी विकसित कर ले, लेकिन ऊपरवाले की तकनीक के सामने सब फेल हैं। रिसर्चर्स हजारो-लाखों स्टडी के बाद भी अभी तक इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं। दिल-दिमाग,फेफड़े, लिवर, इंटेस्टाइन और किडनी पर जितनी बार स्टडी होती है। उतनी बार कुछ नया पता चलता है। ये करिश्मा ही है कि हर ऑर्गन, हर पार्ट एक दूसरे से जुड़ा है। दिमाग सिग्नल देता है तो हाथ-पैर काम करते हैं। कहीं चोट लगे तो आंखों से आंसू आ जाते हैं।

नेचर न्यूरोसाइंस में छपी स्टडी में तो एक नया कनेक्शन सामने आया है। चीन के वुहान में हुई रिसर्च में पता चला कि किडनी के कमज़ोर पड़ने से पार्किंसन की बीमारी हो सकती है। लोग सोच रहे होंगे कि कहां बॉडी में टॉप फ्लोर पर दिमाग है और कहां नीचे के माले पर किडनी है वो कैसे एक दूसरे को बीमार कर सकते हैं। तो जान लीजिए, दरअसल दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाला अल्फा-सिन्यू-क्लिन प्रोटीन, जिसे खराब प्रोटीन भी कहते हैं। ये ब्रेन के अलावा किडनी में भी जमा होता है। यही प्रोटीन जब किडनी फिल्टर करके बाहर नहीं निकाल पाती तो फिर ये ब्लड के जरिए दिमाग तक पहुंचकर उसके सेल्स डैमेज करने लगता है। रिसर्च में शामिल पार्किंसन मरीज़ों में करीब 90% की किडनी में ये अल्फा-सिन्यू-क्लिन प्रोटीन मिला।

किडनी का बीमार पड़ना हो सकता है खतरनाक

साइंटिस्ट्स ने स्टडी से ये भी जाना कि जिनकी किडनी हेल्दी थी। उनके शरीर से तो खराब प्रोटीन बाहर निकल गया, लेकिन जिनकी किडनी कमज़ोर थी। उनमें ये प्रोटीन ब्लड के ज़रिए दिमाग तक पहुंच गया। पिछले 35 साल में पार्किंसन के मरीज़ तो वैसे ही करीब 300 गुना बढ़ गए हैं। ऐसे में अगर दुनिया के 85 करोड़ किडनी पेशेंट पर ध्यान नहीं दिया गया तो दिमाग की इस खतरनाक बीमारी के शिकार ढाई करोड़ से ज़्यादा हो जाएंगे। इसलिए बेहतर होगा किडनी और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए योग और आयुर्वेद का सहारा लें। स्वामी रामदेव से जानिए किडनी को हेल्दी कैसे बनाएं?

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