मराठी के ऊपर हिंदी थोपे जाने की कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएगी : राज ठाकरे

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मुंबई{ गहरी खोज }:महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को कहा कि हिंदी व्यापक रूप से बोली जाती है, लेकिन यह अन्य राज्यों पर थोपी जाने वाली राष्ट्रीय भाषा नहीं है तथा इसे प्राचीन भाषा मराठी से ऊपर रखने का प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मनसे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं के लिए तीसरी भाषा के रूप में ‘‘हिंदी को थोपने’’ का विरोध करने में सबसे आगे रही हैं।
महाराष्ट्र के स्कूलों में पहली कक्षा से पांचवी कक्षा तक हिंदी भाषा को शामिल करने के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच रविवार को राज्य सरकार ने ‘त्रि-भाषा’ नीति पर सरकारी आदेश को रद्द कर दिया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकारी आदेश को वापस ले लिया गया है और उन्होंने भाषा नीति के कार्यान्वयन और आगे की राह सुझाने के लिए शिक्षाविद् नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की भी घोषणा की।
राज ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘लोग 150 से 200 साल पुरानी हिंदी भाषा को उस मराठी से बेहतर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका इतिहास 3,000 साल से भी ज्यादा पुराना है। यह अस्वीकार्य है और मैं यह होने नहीं दूंगा।’’
उन्होंने ऐसी भाषाई विविधता वाले देश में हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रचारित करने की वैधता पर सवाल उठाया। मनसे प्रमुख ने कहा, ‘‘हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है जिसे दूसरे राज्यों पर थोपा जाए। इस तरह की जबरदस्ती ठीक नहीं है।’’

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