रिलायंस डिफेंस और कोस्टल मैकेनिक्स ने रणनीतिक समझौते की घोषणा की

नई दिल्ली { गहरी खोज }:रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की कंपनी रिलायंस डिफेंस ने भारत के 20 हजार करोड़ रुपये के रक्षा रखरखाव, मरम्मत, ओवरहाल (एमआरओ) और उन्नयन बाजार में पैठ बनाने के लिए अमेरिकी रक्षा विभाग से अधिकृत कोस्टल मैकेनिक्स इंक (सीएमआई) के साथ रणनीतिक समझौते की घोषणा की है।
कंपनी के एक वक्तव्य में कहा गया है कि रिलायंस डिफेंस और कोस्टल मैकेनिक्स भारतीय सशस्त्र बलों के लिए रक्षा रखरखाव,मरम्मत,ओवरहाल,उन्नयन और ‘लाइफ साइकिल स्पोर्ट’ सेवा प्रदान करेंगे। दोनों का लक्ष्य भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल 100 से अधिक जगुआर लड़ाकू विमान, 100 से अधिक मिग-29 लड़ाकू विमान, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, एल-70 एयर डिफेंस गन और अन्य प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों पर है।
रिलायंस डिफेंस और कोस्टल मैकेनिक्स महाराष्ट्र के नागपुर स्थित कार्गो हब और एयरपोर्ट परिसर में संयुक्त उद्यम भी स्थापित करेंगे। यह भारतीय बाजार और निर्यात बाजार दोनों के लिए कार्य करेगा।
कोस्टल मैकेनिक्स अमेरिकी वायु सेना और अमेरिकी सेना को महत्वपूर्ण उपकरणों की आपूर्ति करता है। रिलायंस डिफेंस के साथ इसकी साझेदारी से भारत के एयरोस्पेस इकोसिस्टम में विश्व स्तरीय विनिर्माण क्षमताएं बढेंगी।
एक बयान में कहा गया है कि यह साझेदारी भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहलों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। साझेदारी का उद्देश्य रक्षा उत्पादन को स्वदेशी बनाना और आयात पर निर्भरता कम करना है।