राजनाथ बुधवार को चीन में एससीओ की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को चीन के क़िंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि दो दिन की बैठक के दौरान सदस्य देशों के रक्षा मंत्री क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी प्रयासों और एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच सहयोग सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
रक्षा मंत्री एससीओ के सिद्धांतों के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की दिशा में भारत का दृष्टिकोण रखेंगे। वह क्षेत्र में आतंकवाद तथा उग्रवाद को खत्म करने के लिए एकजुट और लगातार प्रयासों का आह्वान करते हुए सदस्य देशों के बीच व्यापार, आर्थिक सहयोग और संपर्क बढ़ाने की जरूरत पर बल देंगे। वह बैठक के दौरान चीन और रूस सहित भाग लेने वाले कुछ देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। भारत क्षेत्र में बहुपक्षवाद, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने में एससीओ को विशेष महत्व देता है।
एससीओ सदस्य देशों की संप्रभुता, राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, आपसी सम्मान, समझ और सभी सदस्य देशों की समानता के सिद्धांतों पर आधारित नीति का पालन करता है।
एससीओ का गठन वर्ष 2001 में किया गया था और यह अंतर-सरकारी संगठन है। भारत वर्ष 2017 में इसका पूर्ण सदस्य बना था और वर्ष 2023 में क्रम से इसे संगठन की अध्यक्षता सौंपी गई। एससीओ में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं। चीन ने ‘शंघाई भावना को कायम रखना: एससीओ आगे बढ़ रहा है’ विषय के तहत 2025 के लिए एससीओ की अध्यक्षता संभाली है।