हाई यूरिक एसिड के मरीजों को मखाना खाना चाहिए या नहीं? जानें एक्सपर्ट की राय, फायदे और सावधानियां

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: आज के समय में हाई यूरिक एसिड की समस्या आम होती जा रही है, जो अगर नियंत्रित न की जाए तो गठिया, जोड़ों में सूजन और दर्द जैसी परेशानियों का कारण बन सकती है। ऐसे में डाइट क्लिनिक में आयुर्वेदिक डॉक्टर एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ. अंजना कालिया कहती हैं कि मरीजों को यह समझना ज़रूरी है कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। एक ऐसा ही सवाल अक्सर उठता है क्या हाई यूरिक एसिड में मखाना खाना सुरक्षित है?

पोषक तत्वों से भरपूर है मखाना
मखाना, जिसे फॉक्स नट्स या कमल के बीज के नाम से भी जाना जाता है, एक हल्का, पौष्टिक और लो-प्यूरिन स्नैक है। चूंकि हाई यूरिक एसिड में ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जिनमें ‘प्यूरिन’ की मात्रा अधिक हो, इसलिए मखाना एक बेहतर विकल्प माना जाता है क्योंकि इसमें प्यूरिन की मात्रा बहुत कम होती है। इसके अलावा, मखाना फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो शरीर की सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

यूरिक एसिड के मरीज कर सकते हैं सेवन
मखाने का सेवन हाई यूरिक एसिड के मरीजों के लिए तब तक सुरक्षित माना जाता है जब इसे सीमित मात्रा में और बिना अधिक नमक या घी के सेवन किया जाए। उबले या हल्के भूने हुए मखाने स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। यह न केवल पेट को हल्का रखते हैं, बल्कि वजन नियंत्रण और ब्लड शुगर को भी संतुलित रखने में मदद करते हैं, जो यूरिक एसिड के प्रबंधन में सहायक है।

हालांकि, बाजार में मिलने वाले प्रोसेस्ड या मसालेदार मखानों से बचना चाहिए क्योंकि इनमें नमक, प्रिज़र्वेटिव और तेल की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में सूजन को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति किडनी की बीमारी या अन्य मेटाबॉलिक डिसऑर्डर से ग्रस्त है, तो मखाना भी सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से ही खाना चाहिए।

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