योगिनी एकादशी की शाम जरूर करें ये उपाय, दूर होगी घर की दरिद्रता

धर्म { गहरी खोज } :आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक के दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा के साथ जातकों को कुछ उपाय जरूर अपनाने चाहिए, इससे उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
योगिनी एकादशी का महत्व
योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रिय है। माना जाता है, इस व्रत को करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान पुण्य हासिल होता है। यह व्रत न केवल आत्मिक शुद्धि और मोक्ष का मार्ग खोलता है, साथ ही भक्तों को धन-धान्य, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद भी देता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी और तुलसी की पूजा का भी विशेष महत्व है, क्योंकि तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है।
योगिनी एकादशी 2025: शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी तिथि 21 जून 2025 को सुबह 7:18 बजे शुरू होगी और 22 जून 2025 को सुबह 4:27 बजे समाप्त होगी। इस दिन व्रत का पारण (व्रत खोलने का समय) 22 जून को दोपहर 1:47 बजे से शाम 4:35 बजे के बीच होगा।
योगिनी एकादशी पूजा विधि
प्रातः स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा की तैयारी: पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
दीप प्रज्वलन: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं।
अर्पण: तुलसी पत्र, फूल, चंदन, और नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें।
मंत्र जाप: भगवान विष्णु के मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
व्रत कथा: योगिनी एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें।
आरती: पूजा के अंत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
उपाय
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। योगिनी एकादशी के दिन तुलसी से जुड़े निम्नलिखित उपाय करने से विशेष फल प्राप्त हो सकते हैं:
तुलसी पूजन: तुलसी के पौधे को शाम के समय स्नान कराएं और लाल चुनरी चढ़ाएं। इसके बाद घी का दीपक जलाकर तुलसी माता की आरती करें, इससे आर्थिक समस्याएं दूर हो सकती हैं।
तुलसी माला जाप: शाम के समय तुलसी की माला से “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे धन-समृद्धि और मानसिक शांति मिलती है।
तुलसी पत्र अर्पण: भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करें और प्रसाद में तुलसी पत्र शामिल करें। यह भगवान की कृपा प्राप्त करने का सरल उपाय है।
तुलसी जल: तुलसी के पत्तों को जल में डालकर उस जल को घर में छिड़कें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।
दान-पुण्य: तुलसी के पौधे का दान करें या तुलसी के बीज किसी जरूरतमंद को दें। यह पुण्य कार्य धन-धान्य में वृद्धि करता है।