भारत और यूक्रेन में कृषि सहयोग पर चर्चा

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नयी दिल्ली { गहरी खोज }: भारत और यूक्रेन ने कृषि में बागवानी सहयोग, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, ज्ञान साझाकरण, क्षमता निर्माण, अनुसंधान सहयोग और बाजार पहुंच सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर विचार विमर्श किया है।
भारत-यूक्रेन की कृषि पर पहली संयुक्त कार्य समूह बैठक आयोजित बुधवार को ऑनलाइन आयोजित की गयी। बैठक की सह-अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू और यूक्रेन की कृषि नीति एवं खाद्य उप मंत्री ओक्साना ओस्माचको ने की। दोनों पक्षों ने जोर देकर कहा कि यह बैठक कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है।
बैठक के दौरान श्री साहू ने भारत की उल्लेखनीय कृषि उपलब्धियों पर जोर देते हुए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की जानकारी दी। उन्होंने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार की कई पहलों का उल्लेख किया। इनमें डिजिटल उपयोग, जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना, जोखिम निवारण और सरकारी ऋण शामिल हैं। इनमें राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, दलहन और ई-एनएएम शामिल हैं।
सुश्री ओस्माचको ने भारत के साथ अपनी मूल्यवान साझेदारी को मजबूत करने के लिए यूक्रेन की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण, कृषि मशीनीकरण, डिजिटल कृषि, जीनोम संपादन, पौध प्रजनन प्रौद्योगिकी, मृदा उर्वरता और मृदा मानचित्रण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जाेर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने समृद्ध कृषि अनुभव के साथ उत्पादकता बढ़ाने, मशीनीकरण को बढ़ावा देने और किसानों के कल्याण में सुधार करने में एक-दूसरे के पूरक बनने की क्षमता रखते हैं। दोनों पक्षों ने बागवानी में सहयोग, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, ज्ञान साझाकरण, क्षमता निर्माण, शोध सहयोग और बाजार पहुंच सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ,भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, मत्स्य पालन विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

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