ऐसे ही हर किसी को नहीं देना चाहिए गिफ्ट में भगवद् गीता, कारण जान समझदारी से लें काम

धर्म { गहरी खोज } :अक्सर आपने देखा कि लोग एक-दूसरे को किसी फंग्शन या पार्टी में कुछ न कुछ गिफ्ट देते रहते हैं। कुछ लोग ज्यादा भाव-विभोर हो उठते हैं तो वे गिफ्ट में भगवान की मूर्ति या भगवद् गीता दे देते हैं। कुछ लोग इसे सही मानते हैं तो कुछ लोग इसे गलत बताते हैं। जो सही मानते हैं उनका तर्क होता है कि किसी को भगवान की मूर्ति या भगवद् गीता देना उसके अच्छे के लिए बेहतर होता है। जबकि जो इसे गलत बताते हैं वे तर्क देते हैं कि वह व्यक्ति किस स्वभाव का है ये किसी को नहीं पता ऐसे में पवित्र मूर्ति देना अच्छी बात हीं होती है। ऐसे में आइए जानते हैं हमारे शास्त्रों के मुताबिक क्या यह सही है?
किसे देना सही है धार्मिक ग्रंथ?
हमारे धार्मिक ग्रंथ जैसे स्कंद पुराण समेत कई धार्मिक ग्रंथों में दान का महत्व बताया गया है। वहीं, किसी को उपहार देना भी दान के बराबर ही समझा जाता है, ऐसे में हर किसी को गिफ्ट में भगवद् गीता समेत अन्य धार्मिक ग्रंथ देना सही है या गलत, यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है। अगर व्यक्ति सत्कर्म वाला है तो उसे भगवान की मूर्ति, तस्वीर, भगवद् गीता या अन्य धार्मिक ग्रंथ देना सही होगा।
इन्हें बिल्कुल भी न करें दान
1.स्कंद पुराण में कहा गया कि अपात्र दान नहीं करना चाहिए, इसे आसान भाषा में कहें कि तो पवित्र ग्रंथ (भगवद् गीता, रामचरितमानस, रामायण, ग्रंथ, पुराण या वेद), मूर्ति, तस्वीर आदि चीजें किसी ऐसे व्यक्ति को दान न करें जो उसकी देखभाल नहीं कर सकता या वह सही तरीके से उसका इस्तमाल नहीं कर सकता।
- भगवत गीता या भगवान की मूर्ति को पवित्र माना गया है, अगर आपको गिफ्ट करना है तो ऐसे व्यक्ति को करें जो सात्विक हो और धार्मिक हो।
- साथ ही यह भी ध्यान रहे कि वह व्यक्ति मांस,मदिरा का सेवन न करता हो क्योंकि ऐसे में भगवान का अनादर होता है। भगवान भी राक्षसी प्रवृत्ति वाले व्यक्ति के घर निवास करना पसंद नहीं करते।