अहमदाबाद विमान दुर्घटना : 28 घंटे बाद मिला ब्लैक बॉक्स , भारत और US-ब्रिटेन की एजेंसियां कर रहीं हादसे की जांच

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अहमदाबादः{ गहरी खोज }: अहमदाबाद में गुरुवार (13 जून 2025) को हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया। यह हादसा इतना भयावह था कि मृतकों की पहचान करना भी चुनौतीपूर्ण हो गया। हर किसी के मन में यही सवाल है कि आखिर इतना सुरक्षित माना जाने वाला विमान उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। भारत का एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) मामले की जांच कर रहा है।
अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और ब्रिटेन का एयर एक्सिडेंट्स इनवेस्टिगेशन ब्रांच दोनों मिलकर भारत में हुए हादसे की जांच में सहयोग कर रहे हैं। AAIB ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। यह ब्लैक बॉक्स बीजे मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर में एक इमारत की छत से मिला। ब्लैक बॉक्स एक छोटा उपकरण है, जो उड़ान के दौरान विमान से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी रिकॉर्ड करता है। यह विमानन हादसों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) शामिल होते हैं, जिन्हें सामान्यतः ब्लैक बॉक्स कहा जाता है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “AAIB ने हादसे के 28 घंटे के भीतर फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर बरामद कर लिया है। यह जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हादसे के कारणों का पता लगाने में मदद करेगा।” सोशल मीडिया पर ब्लैक बॉक्स से संबंधित कई वीडियो वायरल हुए, जिनके जवाब में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वायरल बॉक्स असली नहीं है और वह डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) नहीं है।
हादसे के बाद डीजीसीए ने एयर इंडिया के बोइंग 787-8/9 विमानों की सुरक्षा जांच तेज करने का निर्देश दिया है। टेकऑफ से पहले फ्यूल पैरामीटर मॉनिटरिंग, केबिन एयर कंप्रेसर, इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल सिस्टम, इंजन फ्यूल ड्रिवन एक्ट्यूएटर, ऑयल सिस्टम, हाइड्रोलिक सिस्टम की सर्विसेबिलिटी और टेकऑफ पैरामीटर्स की समीक्षा की जाएगी।
हादसे में मारे गए यात्रियों की पहचान के लिए शवों के डीएनए सैंपल लेने का कार्य पूरा हो चुका है। शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण पहचान मुश्किल है। DNA टेस्ट के जरिए मृतको के परिजनों से मिलान कर पहचान की जा रही है। सभी शवों को पोस्टमॉर्टम हाउस से कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रखा गया है, ताकि DNA रिपोर्ट आने तक उनकी स्थिति बनी रहे। अगले 72 घंटों में डीएनए रिपोर्ट आने की संभावना है, जिसके बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।
टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने कहा कि यह कठिन समय है, लेकिन समूह अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने पारदर्शिता का आश्वासन देते हुए कहा, “यह टाटा समूह के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है। हम शोक और सदमे में हैं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों और घायलों के साथ हैं।”

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