घूसखोरी में लिप्त ट्रैफिक दारोगा सस्पेंड, 100 लापरवाह पुलिसकर्मियों का वेतन रोका

0
8d51152e-6e92-4c19-b2c4-aaa68f6a5ee8

बक्सर{ गहरी खोज }: बक्सर जिले की पुलिस महकमे में इन दिनों जोरदार हलचल मची हुई है। वजह है जिले के तेजतर्रार पुलिस कप्तान डॉ. शुभम आर्य की वह कार्रवाई, जिसने न केवल विभागीय कर्मचारियों को हिला दिया है, बल्कि आम जनता में भरोसे की एक नई किरण भी जगाई है। भ्रष्टाचार और लापरवाही पर कड़ा शिकंजा कसते हुए एसपी ने एक के बाद एक सख्त कदम उठाए हैं, जिससे पूरा प्रशासनिक अमला सतर्क हो गया है।
नेशनल हाईवे पर ट्रक चालकों से अवैध वसूली की शिकायतें लंबे समय से आ रही थीं। इन पर संज्ञान लेते हुए एसपी ने जब जांच करवाई, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में प्रमाणित हुआ कि ट्रैफिक दारोगा सुनील कुमार राय और एक होमगार्ड जवान मिलकर ट्रकों को रोकते और उनसे अवैध वसूली करते थे। एसपी शुभम आर्य ने इस पर तत्काल एक्शन लेते हुए दारोगा को निलंबित कर दिया, और होमगार्ड की सेवा समाप्त करने हेतु जिलाधिकारी को पत्र भेजा। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि कप्तान अब ‘नो टॉलरेंस ऑन करप्शन’ की नीति पर काम कर रहे हैं।
सिर्फ भ्रष्टाचार ही नहीं, लापरवाही भी अब बर्दाश्त के बाहर है। एसपी ने जिले के विभिन्न थानों में तैनात 100 पुलिस अधिकारियों का वेतन रोक दिया है। इन अधिकारियों को 72 घंटे के भीतर अपने-अपने थानों में लंबित पड़े सभी मामलों को निपटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। एसपी ने चेतावनी दी है कि, “अगर तय समयसीमा के भीतर कार्य नहीं किया गया, तो वेतन की रोक से आगे बढ़कर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। अब बहानों की कोई गुंजाइश नहीं है।”
24 अप्रैल के बाद से जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने लगी थी। इसे देखते हुए एसपी ने पहले चरण में लापरवाह थानेदारों को उनके पद से हटाया, और अब दूसरे चरण में घूसखोर अधिकारियों तथा कामचोर पुलिसकर्मियों पर गाज गिराई है। ट्रैफिक विभाग में लंबे समय से चल रही घूसखोरी के कारण हाइवे पर ट्रकों की लंबी कतारें और महाजाम की स्थिति बनी रहती थी। लेकिन अब जब वसूली पर लगाम लगी है, तो आवागमन सुचारू हुआ है और आम लोगों को राहत महसूस हो रही है।
एसपी शुभम आर्य की इस सख्ती को लेकर आम जनमानस में विशेष उत्साह और संतोष देखने को मिल रहा है। बक्सर निवासी डॉ० श्रवण तिवारी ने कहा: “अब जिले को ऐसा पुलिस कप्तान मिला है, जो ईमानदारी से काम कर रहा है। उसकी प्राथमिकता कानून व्यवस्था है, न कि सिर्फ दिखावा।” बक्सर की आम जनता मान रही है कि अब अपराधियों के साथ-साथ वर्दी के पीछे छिपे भ्रष्ट अफसरों पर भी शिकंजा कस रहा है। इस तरह की कार्रवाई से न केवल पुलिस विभाग में अनुशासन आएगा, बल्कि जनता का विश्वास भी बहाल होगा।
जो अधिकारी या कर्मचारी विभागीय जिम्मेदारी में लापरवाही करेगा या जनता को परेशान करेगा, उसके खिलाफ बिना देर किए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चाहे वह कोई भी हो – रैंक या संबंध मायने नहीं रखता।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रैफिक विभाग की गड़बड़ियों की शिकायतें गंभीर थीं। जब सबूत सामने आए, तो कार्रवाई करने में एक पल की भी देर नहीं की गई।
बहरहाल बक्सर पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह महज कुर्सी पर बैठने वाले अफसर नहीं, बल्कि मैदान में उतरकर कार्रवाई करने वाले जनहितैषी अधिकारी हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी यह जंग जारी रही, तो आने वाले समय में बक्सर बेहतर प्रशासन और मजबूत कानून व्यवस्था की मिसाल बन सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *