बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के इन नेताओं का कटेगा टिकट ! राजद-कांग्रेस की बड़ी तैयारी

पटना{ गहरी खोज } : बिहार की सियासत में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन ने हाल ही में हुई बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन प्रत्याशियों ने पिछले विधानसभा चुनाव में 15,000 वोटों से अधिक अंतर से हार का सामना किया था, उन्हें इस बार टिकट नहीं मिलेगा और यदि मिला भी तो महागठबंधन का सिंबल नहीं दिया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के दौरान कई महागठबंधन के उम्मीदवारों ने यह शिकायत की थी कि विधायकों से उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। जिससे उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद RJD नेतृत्व ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पार्टी के शीर्ष नेता तेजस्वी यादव ने “कार्यकर्ता दर्शन” और संवाद यात्रा के ज़रिए जमीनी स्तर पर फीडबैक इकट्ठा किया। अब पार्टी ने तय किया है कि जो विधायक या नेता पार्टी के साथ गद्दारी या अंदरूनी नुकसान पहुंचाने में शामिल रहे हैं उन्हें न तो बख्शा जाएगा और न ही टिकट दिया जाएगा। इन नेताओं की सारी गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जा चुकी है और पूरी लिस्ट तेजस्वी यादव के पास है।
इस फैसले के बाद महागठबंधन के भीतर कई नेताओं में संकट और असमंजस की स्थिति है। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव इस बार संगठनात्मक मजबूती और वफादारी को सबसे बड़ी कसौटी मान रहे हैं और टिकट वितरण में कोई समझौता नहीं होगा। महागठबंधन के इस कड़े रुख ने साफ कर दिया है कि अब भावनाओं के नहीं, प्रदर्शन और प्रतिबद्धता के आधार पर टिकट मिलेंगे। जो नेता संगठन के प्रति वफादार नहीं रहे उन्हें इस बार बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
बता दें कि, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर बीते दिन (12 जून) को महागठबंधन की चौथी बैठक हुई। बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि, ‘पटना में इंडिया गठबंधन समन्वयक समिति एवं उप समन्वयक समिति के सदस्यों के साथ विमर्श हुआ। उन्होंने आगे कहा कि, ’20 वर्षों की NDA सरकार और उसकी जनविरोधी नीतियों व निर्णयों से हर बिहारवासी त्रस्त है। महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, चहुंओर व्याप्त भ्रष्टाचार एवं बदहाल शिक्षा-स्वास्थ्य और विधि व्यवस्था से लोग त्राहिमाम कर रहे है। 20 वर्षों को नीतीश-भाजपा सरकार हर मोर्चे पर पूर्ण रूप से विफल हो चुकी है। इंडिया गठबंधन के सही सहयोगी दल एकजुटता के साथ जनता की आकांक्षाओं के साथ क़दमताल करते हुए 20 वर्षों की इस निकम्मी, नकारा व भ्रष्ट सरकार को हटाकर नए बिहार के निर्माण की नींव रखेंगे’।