धरती आबा जनभागीदारी अभियान का शुभारंभ, ग्राम स्तर पर लगेंगे 275 से अधिक शिविर

जमशेदपुर{ गहरी खोज }:पूर्वी सिंहभूम जिले में 15 जून से 30 जून तक धरती आबा जनभागीदारी अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष पहल का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) एवं अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों तक केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को पहुँचाना है। इस अभियान के शुभारंभ के अवसर पर समाहरणालय परिसर से जागरूकता रथ को सांसद विद्युत वरण महतो, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव बृजनंदन प्रसाद, उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी और वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सभी अतिथियों ने हस्ताक्षर अभियान में भाग लेते हुए धरती आबा जनभागीदारी अभियान को सफल बनाने व समाज की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का संदेश दिया। कार्यक्रम में परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी, धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी शताब्दी मजूमदार, जिला कल्याण पदाधिकारी शंकराचार्य समद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव सहित अन्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।
सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि यह अभियान समाज के सबसे वंचित वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुँचना प्राथमिकता है, और यही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है। संयुक्त सचिव बृजनंदन प्रसाद ने अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल जनजातीय समाज के समग्र विकास की दिशा में केंद्र सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बताया कि अभियान के अंतर्गत जिले के ग्राम स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में विभिन्न योजनाओं जैसे आधार पंजीकरण, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पीएम किसान, किसान क्रेडिट कार्ड, जनधन योजना, विश्वकर्मा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, डायलिसिस प्रोग्राम, पीएम आवास योजना आदि का लाभ योग्य व्यक्तियों को मिलेगा। उन्होंने आमजनों से आग्रह किया कि वे इन शिविरों में आकर योजनाओं का लाभ लें और अपनी भागीदारी दर्ज करें।
आईटीडीए परियोजना निदेशक दीपांकर चौधरी ने कहा कि जनजातीय बहुल गांवों में जागरूकता फैलाने हेतु जागरूकता रथ को रवाना किया गया है। इस दौरान जिले भर में लगभग 275 शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में संबंधित विभागों के कर्मी मौजूद रहेंगे ताकि लाभुकों का पंजीकरण और लाभ वितरण मौके पर ही किया जा सके। उन्होंने ग्रामीण जनता से अपील की कि वे इन शिविरों में भाग लें और अपने जीवन में बदलाव लाने वाली योजनाओं से जुड़ें।