स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में हराकर पुर्तगाल बना नेशंस लीग चैंपियन

म्यूनिख{ गहरी खोज }: पुर्तगाल ने नेशंस लीग के रोमांचक फाइनल मुकाबले के 2-2 से बराबर रहने के बाद पेनल्टी शूटआउट में स्पेन को 5-3 से हराकर खिताब अपने नाम किया। पुर्तगाल ने दो बार पिछड़ने के बाद मैच के वापसी करते हुए स्कोर को 2-2 से बराबर किया जिसके बाद यह मुकाबला अतिरिक्त समय में खिंच गया। अतिरिक्त समय में दोनों टीमें गोल करने में नाकाम रही। पेनल्टी शूट में शुरुआती तीन गोल के बाद दोनों टीमें बराबरी पर थी, लेकिन पुर्तगाल के गोलकीपर डिएगो कोस्टा ने स्पेन के लिए अल्वारो मोराटा की चौथी पेनल्टी बचाई, फिर रुबेन नेवेस ने अपनी टीम की पांचवीं पेनल्टी को गोल में बदलकर जीत सुनिश्चित कर दी।
मोराटा एकमात्र खिलाड़ी था स्पॉट किक से गोल करने से चूक गये। अपने प्रयास के विफल होने के बाद वह भावनाओं पर काबू नहीं रख सकें और उनकी आंखें नम हो गयी। रोनाल्डो ने नियमित समय के 61वें मिनट में अपने रिकॉर्ड में सुधार करते हुए करियर का 138वां अंतरराष्ट्रीय गोल करके पुर्तगाल को मुकाबले में बराबरी दिलाई। इससे पहले माइकल ओयारजाबल ने स्पेन को मध्यांतर से पहले तक बढ़त दिला दी थी। ओयारजाबल ने 45वें मिनट में पेड्री के बनाये मौके पर गोलकीपर कोस्टा को छकाते हुए स्पेन को मैच में दूसरी बार बढ़त दिलाई थी। यूरोपीय चैंपियन स्पेन के आक्रमण में वह सामंजस्य और प्रवाह नहीं दिखा जो उसने बृहस्पतिवार को फ्रांस के खिलाफ सेमीफाइनल में 5-4 की जीत में दिखाया था।
मैच के 21 में मिनट में टीम को किस्मत का साथ मिला जब युवा लामिने यामल के क्रॉस से निपटने में पुर्तगाल की रक्षापंक्ति नाकाम रही और मार्टिन जुबिमेंडी ने उसे गोल में बदल दिया। इसके पांच मिनट के बाद ही हालांकि नूनो मेंडेस ने गोल कर स्कोर को बराबर कर दिया। मेंडिस को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। इस 22 साल के खिलाड़ी ने टीम के लिए पहला गोल करने के बाद रोनाल्डो के गोल में सहायक की भूमिका निभाई और पूरे मैच के दौरान यामल पर नियंत्रण बनाये रखने में अहम योगदान दिया। उन्होंने पेनल्टी शूटआउट में आत्मविश्वास के साथ अपने मौके को गोल में बदला। इससे पहले कप्तान काइलियान एमबाप्पे के शानदार खेल के दम पर फ्रांस ने तीसरे स्थान के मैच में जर्मनी को 2-0 से हराया।
रीयाल मैड्रिड के स्ट्राइकर एमबाप्पे ने अपने करियर का 50वां अंतरराष्ट्रीय गोल करने के साथ दूसरे गोल में सहायक की भूमिका अदा की जिससे फ्रांस ने जर्मनी को उसके घरेलू मैदान पर शिकस्त दी। मैच के शुरुआती हाफ में दबदबा बनाने के बावजूद जर्मनी की टीम गोल करने में विफल रही। ऑरेलियन चोउमेनी ने मध्यांतर से ठीक पहले क्लब टीम के साथी एमबाप्पे के लिए मौका बनाया जिसे इस दिग्गज खिलाड़ी ने गोल में बदल दिया। एमबाप्पे के बनाये मौके पर मैच के 84वें मिनट में स्थानापन्न माइकल ओलिसे ने गोल कर फ्रांस को दो गोल की बढ़त दिला दी।