मोदी ने बदली राजनीति की संस्कृति, लिये कई कड़े फैसले: नड्डा

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को नरेन्द्र मोदी सरकार को ‘पारदर्शी और भविष्यदर्शी’ बताया और कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत में राजनीति की संस्कृति में आमूल-चूल परिवर्तन किया है।
श्री नड्डा ने मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां पार्टी मुख्यालय में विशेष रूप से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने निराशा के वातावरण को दूर कर विकसित भारत की मजबूत आधार रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला था और वह नकारात्मक एजेंडा के साथ चल रही थी। श्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने नकारात्मकता को दूर किया।
उन्होंने कहा कि 11 साल पहले की राजनीतिक-संस्कृति में सत्ता में बने रहने के लिए तुष्टिकरण और समाज को खंडित करने की सोच हावी थी। श्री मोदी ने जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ सरकार के कामकाज के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर शासन की राजनीति का मानक बनाया। उन्होंने कहा, “हम जो काम कर रहे हैं, उसे जनता के सामने रखते हैं।”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “हम पिछले 11 वर्षों में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़े हैं।”
उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में कई साहसिक और ठोस कदम उठाये गये हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाये जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि देश मान चुका था कि ये संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कदम के बाद वहां लोकसभा में प्रदेश में 58.46 प्रतिशत और विधानसभा चुनाव में 63 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर देश के लोकतंत्र में अपनी मजबूत आस्था व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह बदलाव मोदी सरकार की साहसिक निर्णय की वजह से आया है।
श्री नड्डा ने कहा, “पिछले एक दशक में हमने अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी-एसटी) तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समेत समाज के सभी वर्गों की चिंता की है। उसी तरीके से हमने महिलाओं के नेतृत्व विकास को आगे बढ़ाया है।”
उन्होंने कहा कि महिलाओं को पायलट बनाने से लेकर सेना में कमीशन देने तक, सैनिक स्कूलों में दाखिले से लेकर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में भर्ती तक, लखपति दीदी से लेकर स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को प्रोत्साहित करने तक… मोदी सरकार में महिलाओं और एससी-एसटी-ओबीसी सभी को मुख्यधारा से जोड़ा गया है।”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “हम गरीबी हटाओ का नारा लेकर नहीं चले हैं, हमने गरीब कल्याण करके दिखाया है। आंकड़े इस बात का सबूत हैं… देश में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। इसी तरीके से अति गरीबी में 80 प्रतिशत की कमी आयी है।”
उन्होंने नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी का उल्लेख करते हुए कहा, “मुझे याद है कि कैसे हमारे राजनीतिक दल लाभ उठाने के लिए जनता को उकसा रहे थे। लेकिन भारत का आम व्यक्ति बैंक के सामने घंटों खड़ा रहा और मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया।”
उन्होंने कहा कि जब नेतृत्व पर भरोसा होता है, तो जनता समर्थन करती है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि यह सिर्फ शौचालय बनाने तक सीमित नहीं है। स्वास्थ्य के नजरिये से देखें तो भी हमें स्वच्छ भारत अभियान का सीधा फायदा मिला है।
श्री नड्डा ने बताया कि श्री मोदी के कार्यकाल में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) लेन-देन में करीब 130 गुना वृद्धि हुई है और जैम त्रिनिटी (जन धन बैंक खाता, आधार और मोबाइल फोन )ने 3.9 लाख करोड़ रुपये की लीकेज को रोका है।
उन्होंने आतंकवादी हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री मोदी ने हर समस्या का सामने से सामना किया है। जब उरी की घटना घटी, तब श्री मोदी ने कहा था कि इसका जवाब दिया जायेगा और इसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक हुई।
इसके बाद जब पुलवामा की घटना घटी तक श्री मोदी ने कहा था कि तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी है और इसका खामियाजा तुम्हें भुगतना पड़ेगा… इसके बाद बालाकोट हवाई हमला हुआ। इस बार जब पहलगाम की घटना घटी, तब उन्होंने बिहार के मधुबनी में कहा था कि तुम्हें कल्पना से भी परे जवाब दिया जाएगा, और ऑपरेशन सिन्दूर के माध्यम से आतंकियों के नौ ठिकाने ध्वस्त कर दिये गये।
भाजपा अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर के चिनाब पुल का उल्लेख करते हुए कहा कि इस पुल का शिलान्यास 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के समय में हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे ‘इस परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना’ घोषित किया और श्री मोदी ने इस परियोजना को पूरा किया तथा छह जून को देश को समर्पित किया।
उन्होंने कहा, “ समस्याओं को टालते रहना इस सरकार की न नीति रही और न रीति रही। सरकार ने समाज के सभी वर्गों की चिंता करते हुए कोशिश की है कि उनके जीवन में सुधार हो और आज हम पूरी ताकत के साथ विकसित भारत की ओर छलांग लेने को तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “ पिछले एक दशक में हमने एससी-एसटी-ओबीसी समेत समाज के सभी वर्गों की चिंता की है। उनके लिए अलग-अलग नीतियां, अलग-अलग कार्यक्रम और स्कॉलरशिप देने का काम किया है।”