पिट हैड के स्थान पर राज्य में ही थर्मल प्लांट को करें अनुमत: ऊर्जा मंत्री

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जयपुर{ गहरी खोज }: ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर शुक्रवार को चंडीगढ़ में उत्तर क्षेत्रीय राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में सम्मिलित हुए। केन्द्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में ऊर्जा मंत्री ने राज्य से संबंधित विषयों को प्रमुखता से रखा। उन्होंने आग्रह किया कि कोयला स्रोतों से 1 हजार किलोमीटर से अधिक दूरी होने की स्थिति में पिट हैड पर ही थर्मल प्लांट लगाने की अनिवार्यता पर पुनर्विचार करते हुए संयुक्त उद्यम के तहत छबड़ा एवं कालीसिंध में 3200 मेगावाट के थर्मल प्लांट लगाने की अनुमति प्रदान की जाए।
नागर ने प्रस्तावित 1 हजार मेगावाट की बैटरी स्टोरेज परियोजना के अतिरिक्त 5 हजार मेगावाट की बैटरी स्टोरेज योजना के लिए केन्द्रीय सहायता प्रदान करने की भी मांग रखी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2030 तक लगभग 90 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्ष 2028-29 तक प्रदेश की अधिकतम मांग 26.5 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। इस अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए 18.5 गीगावाट क्षमता के बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम विकसित करने की आवश्यकता है। जिसे प्रतिवर्ष 5 हजार मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम क्षमता जोड़कर प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे में प्रतिवर्ष 5 हजार मेगावाट स्टोरेज क्षमता विकसित करने के लिए भारत सरकार राज्य को वीजीएफ समर्थन प्रदान करे ताकि प्रदेश के बैटरी एनर्जी स्टोरेज से संबंधित लक्ष्यों की पूर्ति की जा सके।
केन्द्रीय विद्युत मंत्री ने ऊर्जा मंत्री द्वारा उठाए गए इन विषयों को गंभीरता से सुना और सकारात्मक नजरिये से विचार का आश्वासन दिया। सम्मेलन में हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज, उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा, दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद, पंजाब सरकार के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इंटर स्टेट ट्रांसमिशन परियोजनाओं, साइबर सुरक्षा पहलुओं, बिजली की ग्रीष्मकालीन मांग के बेहतर प्रबंधन, विद्युत वितरण निगमों की वित्तीय स्थिति में सुधार आदि विषयों पर चर्चा की गई।

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