सोनी सब के कलाकारों ने अपने प्रेरणास्त्रोत के बारे में बताया

मुंबई{ गहरी खोज }: सोनी सब के कलाकारों ने बताया है कि किन महान कलाकारों ने उनके अभिनय के प्रति प्रेम को जन्म दिया है।
तेनाली रामा में राजा कृष्णदेवराय की भूमिका निभा रहे आदित्य रेडिज़ ने कहा, मुझे तो अभिनय ने खोजा, इससे पहले कि मैं उसे तलाश पाता। मुझे हमेशा कहानी कहने की कला ने आकर्षित किया ,चाहे वह मंच हो या कैमरे के सामने। हर बार जब मैं किसी नए किरदार में ढलता, जो खुशी मिलती, वही मेरे फैसले को पुख्ता करती थी। शाहरुख़ ख़ान की यात्रा ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है। वह एक नॉन-फिल्मी पृष्ठभूमि से आए, संघर्ष किया, लेकिन अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर अपनी पहचान बनाई। टेलीविज़न से फिल्मों तक उनका सफर इस बात का प्रमाण है कि यदि आप केंद्रित रहें और खुद पर विश्वास करें, तो सपने जरूर सच हो सकते हैं। उन्हें सफल होते देख हम जैसे कई कलाकारों को उम्मीद मिली।
पुष्पा इम्पॉसिबल में ‘पुष्पा’ की भूमिका निभा रही करुणा पांडे ने कहा , अग्निपथ में बच्चन साहब कमाल के थे ।दरअसल, उनकी हर फिल्म में वो अद्भुत नजर आते हैं। फिर दिलीप कुमार, अशोक कुमार और गुरु दत्त जैसे कई दिग्गजों ने मुझे प्रेरित किया। जब बात अभिनेत्रियों की आती है भारत और विदेश, दोनों जगहों से मैं कई अभिनेत्रियों को पसंद करती हूं। हॉलीवुड में मेरिल स्ट्रीप मेरी सबसे पसंदीदा हैं, उनके साथ जूलिया रॉबर्ट्स भी। हिंदी और मराठी सिनेमा में यह प्रोजेक्ट पर निर्भर करता है ।हर अभिनेता कुछ अलग लेकर आता है, और अलग-अलग किरदारों ने मुझे अलग-अलग तरीकों से प्रेरित किया है।
‘तेनाली रामा’ में तेनाली रामा की भूमिका निभा रहे कृष्णा भारद्वाज ने कहा , “मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा मेरे पिताजी, आदित्य भारद्वाज रहे हैं। वह सिर्फ मेरे अभिभावक नहीं, बल्कि एक बेहतरीन अभिनेता और निर्देशक भी हैं। उन्हें मंच और स्क्रीन पर जादू बिखेरते देखना ही मेरे अभिनय के जुनून की शुरुआत थी। उनके समर्पण ने मुझे अनुशासन और जमीन से जुड़े रहने जैसी अहम बातें सिखाईं। तेनाली रामा में ‘रामा’ का किरदार निभाना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा था और उस सपने का बीज उन्होंने ही बोया था।
पुष्पा इम्पॉसिबल में ‘प्रार्थना’ की भूमिका निभा रहीं इंद्राक्षी कंजीलाल ने कहा, मैं हमेशा 70 और 80 के दशक के बॉलीवुड अभिनेताओं और अभिनेत्रियों से बेहद प्रभावित रही हूं। उनके अभिनय में जो गरिमा और गहराई थी, वह आज भी दिल को छूती है। मुझे प्रीति जिंटा बहुत पसंद हैं ।खासकर उनकी 2000 के दशक की फिल्में। उनकी ऊर्जा, मासूमियत और अभिव्यक्ति की शैली ने मेरे बचपन में गहरी छाप छोड़ी। इन कलाकारों ने मेरी परफॉर्मेंस की समझ को आकार दिया और आज भी ‘प्रार्थना’ के किरदार को निभाते समय मुझे प्रेरणा देते हैं।