तत्काल टिकटों के अनधिकृत बुकिंग नेटवर्क पर रेलवे का कड़ा प्रहार

नयी दिल्ली { गहरी खोज }: भारतीय रेलवे ने पारदर्शिता, सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, अपने टिकटिंग बुनियादी ढांचे में व्यापक डिजिटल बदलाव करके ढाई करोड़ संदिग्ध आईडी निष्क्रिय करके अनधिकृत तत्काल बुकिंग पर कड़ा प्रहार किया है जिसके बाद वास्तविक उपयोगकर्ताओं को बहुत राहत मिली है।
रेल मंत्रालय ने बुधवार को यहां नयी जानकारी देते हुए कहा कि नये डिजीटल प्लेटफॉर्म पर अत्याधुनिक एंटी-बीओटी सिस्टम के इस्तेमाल और एक प्रमुख कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (सीडीएन) सेवा प्रदाता के साथ एकीकरण के माध्यम से, रेलवे ने तत्काल श्रेणी के टिकटों की अनधिकृत स्वचालित बुकिंग पर काफी हद तक अंकुश लगाकर वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट की पहुंच में सुधार किया है।
नए सिस्टम ने सभी बॉट ट्रैफ़िक को प्रभावी रूप से कम कर दिया है, जो तत्काल योजना के पहले पांच मिनट के दौरान चरम पर होता है। इस अवधि के दौरान कुल लॉगिन प्रयासों में बॉट ट्रैफ़िक का हिस्सा 50 प्रतिशत तक होता है। यह वृद्धि वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर पहुंच सुनिश्चित करती है। इसका परिणाम यह हुआ कि टिकट बुकिंग के लिए 2.5 करोड़ संदिग्ध उपयोगकर्ता आईडी निष्क्रिय कर दी गई हैं। 22 मई को एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई, जिसमें 31 हजार 814 टिकटों की प्रति मिनट सबसे अधिक बुकिंग हुई जो इस उन्नत प्लेटफ़ॉर्म की मज़बूती एवं विश्वसनीयता को दर्शाता है।
निष्पक्षता और दक्षता को और बढ़ाने के लिए, नए उपयोगकर्ता प्रोटोकॉल पेश किए गए हैं। आधार के माध्यम से प्रमाणित नहीं होने वाले उपयोगकर्ता पंजीकरण के 3 दिन बाद ही ओपनिंग एआरपी, तत्काल या प्रीमियम तत्काल टिकट बुक कर सकते हैं, जबकि आधार-सत्यापित उपयोगकर्ता बिना देरी के टिकट बुक कर सकते हैं।
इन प्रयासों से जबर्दस्त सुधार दिखायी दिया है। औसत दैनिक उपयोगकर्ता लॉगिन वित्त वर्ष 2023-24 में 69.08 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 82.57 लाख हो गया जो 19.53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है। इसी अवधि में औसत दैनिक टिकट बुकिंग में 11.85 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अतिरिक्त, ई-टिकटिंग अब कुल आरक्षित टिकट बुकिंग का 86.38 प्रतिशत हिस्सा है।
रेल मंत्रालय ले टिकट बुकिंग प्रणाली में सुधारों का विवरण देते हुए कहा कि 87 प्रतिशत सामग्री को तेज़ लोड समय और कम सर्वर लोड के लिए सीडीएन के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। परिष्कृत एआई एल्गोरिदम का उपयोग करके बॉट ट्रैफ़िक का सक्रिय पता लगा कर उसे कम किया जा रहा है। संदिग्ध उपयोगकर्ता आईडी को सक्रिय रूप से निष्क्रिय करके साइबर अपराध पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करायी गई है।
भारतीय रेलवे ने कहा कि वह रेलवे की आरक्षित टिकटिंग प्रणाली उपलब्ध कराने वाले उपक्रम भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के माध्यम से एक सहज, सुरक्षित और उपयोगकर्ता अनुकूल टिकटिंग अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। देश भर में लाखों यात्रियों के हितों की रक्षा करने और समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए नवाचार और आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।