मोदी जी, ‘नरेंदर बनिए सरेंडर’ नहीं: कांग्रेस

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए बुधवार को कहा कि उनकी सरकार की विदेश नीति दुनिया के सामने समर्पण कर रही है और इसका ताजा उदाहरण अमेरिका के सामने उनका उस समय घुटनों पर आना है जब बहादुर सेना ने पाकिस्तान की गर्दन दबोच रखी थी लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सामने सरेंडर करके सैन्य कार्रवाई रोकते हैं और इसकी घोषणा भी अमेरिका से होती है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ सैन्य कार्रवाई के दौरान जब बहादुर भारतीय सेना ने पाकिस्तान की गर्दन दबोच रखी थी, तभी श्री ट्रम्प का एक फोन आता है और श्री मोदी ने सरेंडर कर दिया। श्री ट्रम्प ने कई बार कहा कि उन्होंने व्यापार की धमकी देकर सैन्य कार्रवाई को रुकवाया है लेकिन श्री मोदी ने इसका कभी जवाब नहीं दिया।”
उन्होंने कहा,“ये जवाब देंगे भी नहीं, क्योंकि नाम नरेंदर, काम सरेंडर-ये असलियत और हकीकत है। देश के अंदर सारी नीतियां ट्रोल्स चला रहे हैं और देश के बाहर की विदेश नीति एक ऐसे व्यक्ति चला रहे हैं जो सरेंडर कर चुके हैं। भारत की सीमा से महज 12 किलोमीटर दूर बंगलादेश के एक पुराने एयरबेस को चीन अपग्रेड कर रहा है। संकट की घड़ी में एक भी देश हमारे साथ खड़ा नहीं था। हालात ये हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कुवैत ने पाकिस्तान पर से वीजा रिस्ट्रिक्शन हटा दी। कुवैत की 21 प्रतिशत आबादी भारतीयों की है और श्रमिक 30 प्रतिशत हैं लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ट्रम्प के बयान के बाद कुवैत और पाकिस्तान श्रमिकों से जुड़ा एमओयू साइन कर रहा है। ये नरेन्द्र मोदी की सरेंडर नीति है।”
प्रवक्ता ने कहा,“जब सारा विपक्ष एकजुट होकर देश और बहादुर सेना के साथ खड़ा था तभी प्रधानमंत्री अमेरिका के दबाव में घुटनों पर आ गए और उनके एक फैसले ने सभी को चौंका दिया। इसलिए कहते हैं ‘नाम नरेंदर, काम सरेंडर’। पिछले कुछ साल में नेपाल में भारत विरोधी सेंटीमेंट है और नेपाल लगातार चीन के नजदीक जा रहा है। श्री मोदी के सत्ता में आने से पहले पहले ऐसा नहीं था।”उन्होंने इसे सरेंडर नीति बताया और कहा कि श्री मोदी पाकिस्तान को मिलने वाले आईएमएफ का लोन नहीं रुकवा पाए। इधर एशिया विकास बैंक के प्रमुख एक जून को श्री मोदी से मिले और उनके बैंक ने तीन जून को पाकिस्तान को 80 करोड डॉलर दे दिए।
उन्होंने कहा, “श्री मोदी के 11 साल के कार्यकाल को देखेंगे तो हर बार वह सरेंडर करते ही देखेंगे। पहले कहते थे कि काला धन लाएंगे, बेरोजगारी हटाएंगे, किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे, चीन को लाल आंख दिखाएंगे लेकिन सरेंडर कर बैठे। चीन को क्लीनचिट दे देते हैं। बात नया भारत की करते हैं और युवा पीढ़ी को सिर्फ डायलॉगबाजी सिखा रहे हैं। विपक्ष पिछले एक महीने से पूछ रहा है कि देश के आत्मसम्मान के साथ ये सौदा क्यों हुआ, सैन्य कार्रवाई आखिर किन शर्तों पर की गई, हाफिज सईद, अजहर मसूद जैसे आतंकी कहां हैं लेकिन हमें पिछले एक महीने से जवाबों की जगह सिर्फ सस्ते डायलॉग सुनने को मिल रहे हैं।”