दौसा में झाड़ियों में मिला भ्रूण, अवैध गर्भपात क्लीनिकों पर शक की सुई

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दौसा{ गहरी खोज }: जिला अस्पताल के सामने स्थित एक खाली भूखंड में बुधवार सुबह एक नवजात भ्रूण के मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। राहगीरों की नजर जब झाड़ियों में पड़े उस भ्रूण पर पड़ी, तो तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। कुछ ही देर में कोतवाली थाना प्रभारी सुधीर उपाध्याय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
पुलिस ने भ्रूण को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेजा, जहां चिकित्सकों ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि भ्रूण लगभग 6 से 7 महीने का है। इससे यह संकेत मिलता है कि यह जानबूझकर किया गया गर्भपात हो सकता है। पुलिस को आशंका है कि इसे कहीं अवैध रूप से गिराया गया है और फिर भ्रूण को छुपाने के इरादे से झाड़ियों में फेंक दिया गया।
जिला अस्पताल के आसपास कई निजी क्लीनिक और नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने पहले भी आरोप लगाए हैं कि इनमें से कुछ क्लीनिकों में गर्भावस्था की अवैध जांच और भ्रूण लिंग निर्धारण के बाद गर्भपात कराए जाते हैं। इस घटना के बाद एक बार फिर इन क्लीनिकों की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।
थाना प्रभारी सुधीर उपाध्याय ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए विभिन्न पहलुओं से जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, “हम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं और आसपास के क्लीनिकों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। यह जांच स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से की जाएगी।”
गर्भपात से जुड़े मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 312 से लेकर 316 तक सख्त प्रावधान हैं। यदि यह भ्रूण किसी महिला से अवैध रूप से गिरवाया गया है और इसमें कोई डॉक्टर या क्लीनिक शामिल है, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। साथ ही, पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) एक्ट के अंतर्गत भ्रूण लिंग जांच और लिंग के आधार पर गर्भपात पर प्रतिबंध है।

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