जम्मू : माता खीर भवानी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा, उत्साह का माहौल

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माता खीर भवानी

जम्मू { गहरी खोज }: जम्मू के भवानी नगर स्थित माता खीर भवानी मंदिर में मंगलवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर में उत्साह और श्रद्धा का विशेष माहौल रहा। खीर भवानी मंदिर कश्मीर घाटी का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह श्रीनगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर, गांदरबल जिले के तुलमुल्ला गांव में स्थित है। यह स्थान विशेष रूप से कश्मीरी पंडितों के लिए आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
समाचार एजेंसी से बातचीत में श्रद्धालुओं ने बताया कि वह इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। एक श्रद्धालु ने कहा, “हम तड़के सुबह से ही कतार में लगकर दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे थे। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद मजबूत और संतोषजनक है।”
श्रद्धालुओं ने यह भी बताया कि जब-जब देश पर कोई आपदा आई है, माता खीर भवानी ने भारत की रक्षा की है। उन्होंने विशेष रूप से 7 मई को हुए सैन्य अभियान का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारी सशस्त्र सेनाओं ने जिस प्रकार पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट कर पराक्रम दिखाया, उसका श्रेय मोदी सरकार को जाता है।”
श्रद्धालु माता रानी में पूर्ण विश्वास रखते हैं कि जब भी कोई संकट आता है, माता किसी न किसी रूप में प्रकट होकर देश और जम्मू-कश्मीर की रक्षा करती हैं। श्रद्धालुओं ने देशवासियों से अपील की कि वे कश्मीर स्थित खीर भवानी मंदिर के दर्शन अवश्य करें। जो लोग जम्मू में हैं, वे भवानी नगर स्थित मंदिर आकर माता के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करें। उल्‍लेखनीय है कि मंदिर का नाम लोकप्रिय भारतीय मिठाई ‘खीर’ से लिया गया है, जो दूध, चावल और चीनी से बनाई जाती है। श्रद्धालु देवी दुर्गा के अवतार रागन्या देवी को मीठी खीर का भोग अर्पित करते हैं। लोग इस देवी को देवी, माता, राग्न्या, भगवती के नामों से पुकारते हैं। यह मंदिर एक पवित्र झरने के ऊपर स्थित है, जिसके जल का रंग मौसम के अनुसार बदलता रहता है। यह जल लाल, गुलाबी, नारंगी, हरा, सफेद और नीले रंग का हो सकता है। यदि इसका रंग काला हो जाए, तो इसे अपशकुन माना जाता है और इसे घाटी में किसी संभावित आपदा का संकेत माना जाता है। 1990 में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के बाद जम्मू में माता खीर भवानी का मंदिर स्थापित किया गया।

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