मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का इस विधि से करें पारण, जानें क्या है सही नियम

धर्म { गहरी खोज } : ज्येष्ठ मास की मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत आज 3 जून 2025, मंगलवार को किया जा रहा है। जो भक्त व्रत कर रहे हैं, उनके लिए व्रत पारण (व्रत खोलने) के नियम और विधि जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वरना आपका व्रत टूट सकता है। मासिक दुर्गाष्टमी के व्रत का पारण अगले दिन, नवमी तिथि को सूर्योदय के बाद किया जाता है। व्रत का पूर्ण फल तभी मिलता है जब उसका पारण सही नियमों के अनुसार किया जाए। द्रिक पंचांग के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी के व्रत का पारण अष्टमी तिथि समाप्त होने के बाद नवमी तिथि में किया जाता है, जो कि 4 जून को पड़ रही है। यदि आप आज (3 जून को) व्रत कर रहे हैं, तो पारण का समय 4 जून 2025, बुधवार को सूर्योदय के बाद होगा। पारण हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। 4 जून को सुबह लगभग 05 बजकर 28 मिनट पर होगा। पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 28 मिनट से लेकर 8 बजकर 34 मिनट तक कर सकते हैं।
व्रत पारण की विधि
पारण के दिन (4 जून 2025, बुधवार) सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
स्नान के बाद घर के मंदिर में मां दुर्गा की दोबारा पूजा करें। मां को फल, मिठाई और अन्य भोग अर्पित करें।
व्रत सफलतापूर्वक संपन्न होने के लिए दुर्गा माता का धन्यवाद करें।
पूजा के बाद प्रसाद परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों में बांटें।
व्रत का पारण करने से पहले, अपनी सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन, फल, वस्त्र या दक्षिणा का दान अवश्य करें। दान करने से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
सबसे पहले थोड़ा जल ग्रहण करें। इसके बाद, सात्विक भोजन ग्रहण करके व्रत का पारण करें।
पारण में क्या खाएं
पारण में हमेशा सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन, मांसाहार) से परहेज करें। पारण के दौरान व्रती लोग सभी प्रकार के फल, दूध और दही का सेवन कर सकते हैं। सेंधा नमक डालकर बनाई हुई साबूदाना खिचड़ी भी खा सकते हैं। कुछ लोग व्रत का पारण चावल खाकर करना शुभ मानते हैं। यदि व्रत में फलाहार लिया हो, तो हलवा या पूड़ी (गेहूं के आटे से बनी हुई) भी खा सकते हैं। दाल रहित दलिया या हल्की खिचड़ी, उबली हुई या कम मसालों में बनी हुई हरी सब्जियां खा सकते हैं।