भारत और पराग्वे द्विपक्षीय संबंधों की संरचना को सुदृढ़ करने के लिए संयुक्त आयोग स्थापित करेंगे

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत और लैटिन अमेरिकी देश पराग्वे ने अपने द्विपक्षीय संबंधों की संरचना को सुदृढ़ करने के लिए संयुक्त आयोग स्थापित करने का सोमवार को फैसला किया तथा डिजिटल प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, रक्षा, रेलवे और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर विचार विमर्श किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोस के बीच यहां हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और पराग्वे के विदेश मंत्री रूबेन रामिरेज़ एल की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच संयुक्त आयोग की स्थापना को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एवं आदान-प्रदान किया गया।
प्रधानमंत्री ने बैठक के बाद अपने प्रेस वक्तव्य में पराग्वे को लैटिन अमेरिकी महाद्वीप में भारत के महत्वपूर्ण साझीदारों में से एक बताते हुए आतंकवाद सहित सभी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में एक दूसरे से सीखने की जरूरत रेखांकित की।
श्री मोदी ने कहा, “आपकी भारत यात्रा ऐतिहासिक है। पराग्वे के राष्ट्रपति की यह दूसरी भारत यात्रा है। आप न केवल दिल्ली बल्कि मुंबई भी जा रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से आपसी संबंधों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मेरा मानना है कि आपसी सहयोग के माध्यम से हम साझा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। हमारे पास डिजिटल प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, रक्षा, रेलवे और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर हैं।”
उन्होंने कहा , “पराग्वे दक्षिण अमेरिका में हमारे महत्वपूर्ण साझीदारों में से है। हमारा भूगोल भले ही अलग हो, लेकिन हमारे लोकतांत्रिक आदर्श और जनकल्याण की एक ही सोच है।”
श्री मोदी ने कहा “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और पराग्वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। साइबर अपराध, संगठित अपराध और नशीली दवाओं की तस्करी जैसी आम चुनौतियों से लड़ने के लिए सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। भारत और पराग्वे ग्लोबल साउथ का एक अभिन्न अंग हैं। हमारी आशाएँ, आकांक्षाएँ और चुनौतियां समान हैं, इसलिए हम एक-दूसरे के अनुभवों से सीखकर इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं। हमें संतोष है कि कोविड महामारी के समय हम भारत में बनी वैक्सीन, पैराग्वे के लोगों के साथ साझा कर सके। ऐसी और भी क्षमताएं हम एक दूसरे के साथ साझा कर सकते हैं।”
श्री मोदी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि आपकी यात्रा आपसी विश्वास, व्यापार और घनिष्ठ सहयोग के स्तंभों को नई ताकत प्रदान करेगी। यह भारत-लैटिन अमेरिका संबंधों में नए आयाम भी जोड़ेगा। पिछले साल, मैंने गुयाना में कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जहाँ हमने कई विषयों पर बढ़ते सहयोग पर चर्चा की। हम इन सभी क्षेत्रों में पराग्वे और सभी लैटिन अमेरिकी देशों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।”
विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पी कुमारन ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा और सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, खनन सहित द्विपक्षीय संबंधों के पूरे आयाम पर व्यापक चर्चा की। मेहमान राष्ट्रपति पेना पलासियोस की राष्ट्रपति भवन में शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात होगी जहाँ उनके लिए एक भोज आयोजित किया जाएगा।”
श्री कुमारन ने कहा, “भारत और पराग्वे ने संयुक्त राष्ट्र सहित कई बहुपक्षीय मंचों पर एक साथ काम किया है और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर घनिष्ठ संपर्क बनाए रखा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए भारत के उम्मीदवार के लिए पराग्वे से समर्थन मांगा।” उन्होंने कहा कि पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोस ने श्री मोदी को पराग्वे आने के लिए आमंत्रित किया।