आईएसआई ने भारतीय मोबाइल नंबरों से रची जासूसी की साजिश, दो भाई गिरफ्तार

नई दिल्ली { गहरी खोज }: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक बड़े जासूसी मामले का खुलासा किया है।
इस मामले में राजस्थान के डीग जिले से दो भाइयों कासिम (34) और हसीन (42) को गिरफ्तार किया गया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सिम कार्ड्स पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटर्स को उपलब्ध कराए, जिनका इस्तेमाल भारत में जासूसी और हनी ट्रैप के लिए किया जा रहा था।
जांच में पता चला है कि कासिम और हसीन ने भारतीय मोबाइल नंबरों के वन-टाइम पासवर्ड पाकिस्तान में बैठे आईएसआई हैंडलर्स को भेजे। इन नंबरों का उपयोग व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पाकिस्तान से ऑपरेट करने के लिए किया गया। इसका मकसद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और सैन्य खुफिया विभाग के अधिकारियों को हनी ट्रैप में फंसाकर संवेदनशील जानकारी हासिल करना था।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि ये सिम कार्ड दिल्ली के आनंद पर्वत क्षेत्र से हासिल किए गए थे, जो हसीन के नाम पर जारी थे और कासिम द्वारा पाकिस्तान भेजे गए थे।
कासिम ने अगस्त 2024 और मार्च 2025 में पाकिस्तान की दो यात्राएं कीं, जहां वह करीब 90 दिनों तक रहा। इस दौरान उसने आईएसआई हैंडलर्स से जासूसी की ट्रेनिंग ली और संवेदनशील जानकारियां भी भेजी।
हसीन पिछले चार-पांच सालों से आईएसआई के संपर्क में था और उसने अपने छोटे भाई कासिम को भी इस गतिविधि में शामिल किया। दिल्ली पुलिस की दो अलग-अलग टीम दोनों भाइयों से पूछताछ कर रही हैं, जिसमें एक जैसे सवाल पूछकर उनके बयानों की सत्यता जांची जा रही है। दोनों का आमना-सामना कराकर भी अहम जानकारी जुटाई जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने पुष्टि की कि एक डीआरडीओ अधिकारी को हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई थी, लेकिन समय रहते कार्रवाई ने इस साजिश को नाकाम कर दिया। हसीन को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। कोर्ट ने पूछा कि क्या यह साइबर फ्रॉड का मामला हो सकता है, लेकिन पुलिस ने पुख्ता सबूतों के साथ इसे जासूसी का मामला बताया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कासिम ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने पहलगाम हमले के बाद अपने फोन से डेटा डिलीट कर दिया था। उसका फोन फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। मामले में अन्य गिरफ्तारियां संभव हैं।