कुंडली में मंगल कमजोर है या मजबूत, कैसे करें पता?

धर्म { गहरी खोज } : कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत या कमजोर, इन चीजों के आधार पर आप एक सामान्य अनुमान लगा सकते हैं। लेकिन अपनी कुंडली में मंगल की सटीक स्थिति जानने के लिए आपको किसी अनुभवी ज्योतिषी से अपनी जन्मतिथि, जन्म समय और जन्म स्थान के साथ कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहिए। एक ज्योतिषी ही ग्रहों की डिग्री, उनकी युति, दृष्टि, विभिन्न वर्गों में उनकी स्थिति और चल रही दशा-महादशा का अध्ययन करके आपको सही जानकारी और आवश्यक उपाय बता सकता है।
कुंडली में मंगल की स्थिति
जब कुंडली में मंगल को तीसरे (पराक्रम, छोटे भाई-बहन), छठे (शत्रु, ऋण, रोग), दसवें (करियर, पिता) और ग्यारहवें (लाभ, आय) भाव में हो तो कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत होती है। जब मंगल को आठवें (आयु, विरासत, अचानक घटना), बारहवें (व्यय, विदेश, अस्पताल) और कुछ हद तक दूसरे (धन, परिवार) और पांचवें (संतान, शिक्षा) भाव में हो तो मंगल की स्थिति कमजोर होती है जो लोगों के लिए अशुभ माना जा सकता है। यदि मंगल लग्न (पहला), चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो तो मांगलिक दोष बनता है, जो वैवाहिक जीवन में परेशानियां दे सकता है।
राशि
जब मंगल अपनी स्वराशि मेष और वृश्चिक में, तथा अपनी उच्च राशि मकर में हो तो मंगल अत्यंत मजबूत होता है। यहां यह लोगों को शुभ फल देता है और जब मंगल अपनी नीच राशि कर्क में हो तो उसकी स्थिति कमजोर होती है।
दृष्टि
यदि मंगल पर शुभ ग्रहों (जैसे गुरु) की दृष्टि हो तो यह मजबूत होता है और यदि मंगल पर पापी ग्रहों (जैसे शनि, राहु, केतु) की दृष्टि हो या वे मंगल के साथ युति में हों तो मंगल कमजोर या पीड़ित हो सकता है।
मंगल के कमजोर होने के लक्षण
यदि आपकी कुंडली में मंगल कमजोर है, तो अत्यधिक क्रोध, चिड़चिड़ापन और आक्रामकता (या इसके विपरीत, साहस की कमी) महसूस करते हैं। ऐसे में लोग जिद्दीपन, अहंकार और दूसरों पर हावी होने की प्रवृत्ति वाले हो जाते हैं। आत्मविश्वास की कमी, निर्णय लेने में हिचकिचाहट या गलत निर्णय लेना, भाई-बहनों से संबंध खराब होना, लड़ाई-झगड़े में पड़ना या कानूनी मामलों में उलझना, बार-बार चोट लगना, दुर्घटनाएं, कट लगना, जलना, पाचन संबंधी समस्याएं (जैसे एसिडिटी, कब्ज), थकान महसूस होना, ऊर्जा की कमी, करियर और धन में कमी, विवाह में देरी या बाधाएं, वैवाहिक जीवन में कलह, असंतोष और अनबन, जीवनसाथी से मतभेद होने लगते हैं।
मंगल के मजबूत होने के लक्षण
यदि आपकी कुंडली में मंगल मजबूत है, तो आपको ऊर्जावान, साहसी और पराक्रमी होते हैं। इसके साथ ही कई संकेत मिलते हैं। जैसे- आत्मविश्वासी और निडर, अच्छे नेतृत्व गुण और निर्णायक क्षमता, खेलकूद और सेना/पुलिस जैसे क्षेत्रों में सफलता, छोटे भाई-बहनों से अच्छे संबंध, न्यायप्रिय और ईमानदार, उत्तम शारीरिक स्वास्थ्य और स्फूर्ति, रोगों से लड़ने की मजबूत प्रतिरोधक क्षमता, चोट-दुर्घटनाओं से बचाव, करियर में अपार सफलता और तरक्की, अच्छा धन लाभ और संपत्ति का सुख प्राप्त होता है।