मध्यम उद्योगों की जीडीपी में 29 प्रतिशत की हिस्सेदारी

नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : सकल घरेलू उत्पादन – जीडीपी में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग- एमएसएमई क्षेत्र का योगदान 29 प्रतिशत है जबकि यह 60 प्रतिशत लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है।
नीति आयोग की सोमवार को यहां “मध्यम उद्यमों के लिए नीति तैयार करना” पर रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि मध्यम उद्यम भविष्य के बड़े उद्यम हैं और 2047 के विकासशील भारत के चालक हैं। छोटे उद्योग क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 29 प्रतिशत का योगदान देता है और 60 प्रतिशत से अधिक कार्यबल को रोजगार देता है। इसके अलाव निर्यात में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी है
रिपोर्ट में मध्यम उद्यमों को भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य के विकास इंजन में बदलने के लिए एक व्यापक योजना पेश की है। इस रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत और नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी की उपस्थिति में जारी की गयी।
रिपोर्ट के अनुसार देश में पंजीकृत एमएसएमई में से 97 प्रतिशत सूक्ष्म उद्यम, 2.7 प्रतिशत छोटे और केवल 0.3 प्रतिशत मध्यम उद्यम हैं । हालांकि, मध्यम उद्यमों का यह 0.3 प्रतिशत एमएसएमई निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान देता है।
रिपोर्ट में मध्यम उद्यमों की चुनौतियों में अनुकूलित वित्तीय उत्पादों तक सीमित पहुंच, उन्नत तकनीकों को सीमित रूप से अपनाना, अपर्याप्त अनुसंधान एवं विकास सहायता, क्षेत्रीय परीक्षण बुनियादी ढांचे की कमी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों और उद्यम की जरूरतों के बीच असंतुलन शामिल हैं।