नागपुर से चलने लगी वंदे भारत, ब्रॉडगेज मेट्रो योजना अब भी अधर में

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नागपुर{ गहरी खोज }: नागपुर समेत कई स्टेशनों से नई वंदे भारत ट्रेन को चलाया जा रहा है। लेकिन 11 साल पहले जिस ब्राडगेज मेट्रो परियोजना की घोषणा हुई थी, उस परियोजना पर अब तक अमल नहीं हो सका है। जिससे यह इंतजार बहुत लंबा हो रहा है। हालांकि सरकार ने वर्ष 2023 में “वंदे भारत भी शुरू कर दी है। लेकिन लोकल क्षेत्रों को कनेक्ट करने के लिए अभी तक ब्राडगेज मेट्रो शुरू नहीं की गई है। इस परियोजना का प्रस्ताव वर्ष 2012 में रखा गया था।
कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने का विचार : दैनिक यात्रियों का कहना है कि उन्हें आज भी बसों और सीमित ट्रेनों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती है। ब्रॉडगेज मेट्रो का प्रस्ताव सबसे पहले 2012 में जोनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी के सदस्य डॉ. प्रवीण डबली द्वारा रेलवे प्रशासन के समक्ष रखा गया था। डॉ. डबली का उद्देश्य था कि नागपुर जैसे बड़े शहर को पास के छोटे कस्बों और उपनगरों से एक तेज़, सुलभ और सस्ती परिवहन सेवा से जोड़ा जाए। इस योजना के अंतर्गत नरखेड़, वर्धा, रामटेक, पांढुर्ना, बैतूल, चंद्रपुर, अमरावती, गोंदिया जैसे क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने का विचार था। सरकार ने 10 साल बाद प्रस्ताव का नाम बदलकर “वंदे भारत मेट्रो’ कर दिया। लगा अब तो जरूर चलेगी हमारी “ब्रॉडगेज मेट्रो’ लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हुई है।
वर्ष 2014 में दी थी केंद्रीय मंत्री को जानकारी : इस परियोजना की विस्तृत जानकारी 2014 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को दी गई थी। उस समय यह आशा जताई गई थी कि नागपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने वाली यह ब्रॉडगेज मेट्रो योजना कुछ ही वर्षों में शुरू हो जाएगी। परंतु 11 वर्षों के बाद भी परियोजना जस की तस पड़ी है। यात्रियों की बढ़ती परेशानी : नागपुर के आसपास रहने वाले हजारों लोग रोजगार, शिक्षा और चिकित्सा के लिए नागपुर आते हैं। बसें महंगी और समय लेने वाली होती हैं, और नियमित लोकल ट्रेनों की कमी के चलते यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ब्रॉडगेज मेट्रो का सपना उनके लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता था।

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