केंद्रीय गृह सचिव ने सशस्त्र सीमा बल की भावी रणनीतियों की समग्र समीक्षा की

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नई दिल्ली { गहरी खोज } : केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के संचालन, प्रशासनिक कार्यों, उपलब्धियों और भावी रणनीतियों की समग्र समीक्षा की।
बैठक में सचिव सीमा प्रबंधन डॉ राजेन्द्र कुमार और बल के महानिदेशक अमृत मोहन प्रसाद सहित गृह मंत्रालय और सशस्त्र सीमा बल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि इस बल ने सीमांत गाँवों में देशभक्ति और भारत के साथ जुड़ाव का जज्बा पैदा किया है। उन्होंने कहा कि एसएसबी ने 61 वर्ष से अधिक के अपने गौरवशाली इतिहास में सेवा सुरक्षा और बंधुत्व के नारे को चरितार्थ करने के साथ ही राष्ट्र सेवा, देशभक्ति और राष्ट्र प्रथम की भावना को मजबूत किया है।
श्री प्रसाद ने विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से संगठन की वर्तमान संरचना, सीमावर्ती तैनाती, प्रचालन उपलब्धियों, तकनीकी उन्नति और भविष्य की चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। प्रस्तुति में विशेष रूप से भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं पर एसएसबी की प्रभावशाली उपस्थिति, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों एवं जम्मू-कश्मीर में बल की सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया गया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 से 2025 के दौरान बल ने 184 विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से सीमा पार करने पर गिरफ्तार किया। इसी अवधि में 1250 मानव तस्करी के मामलों में 2156 पीड़ितों को मुक्त कराया गया और 1094 तस्करों को पकड़ा गया। सशस्त्र सीमा बल द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों मे नक्सल विरोधी अभियान के अंतर्गत 5 वर्षों मे 11 नक्सलियों को मुठभेड़ मे मार गिराया गया तथा 426 नक्सलियों को आत्मसमर्पण या गिरफ्तार किया गया वहीं जम्मू कश्मीर क्षेत्र में 16 आतंकवादियों को संयुक्त अभियान में ढेर किया गया।
एसएसबी महानिदेशक ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक सहभागिता बढ़ाने के लिए बल द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें चिकित्सा शिविर, पशु चिकित्सा सेवा, कौशल विकास कार्यक्रम, शिकायत निवारण प्रणाली , महिला सशक्तिकरण प्रयास तथा रोजगारपरक प्रशिक्षण शामिल हैं।

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