भारत और नेपाल की सेनाओं के संयुक्त दल ने कंचनजंगा को फतह किया

नयी दिल्ली { गहरी खोज } :भारत और नेपाल की सेनाओं के एक संयुक्त पर्वतारोही दल ने मैत्री और सैन्य सौहार्द की एक शानदार मिसाल पेश करते हुए सोमवार को दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा (8,586 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की।
भारतीय सेना के कर्नल सरफराज सिंह और नेपाली सेना के कैप्टन प्रशांत खानका के नेतृत्व में इस अभियान दल में नौ सदस्य थे।
19 मई की सुबह कैंप चार पर (7,700 मीटर) से अपनी अंतिम चढ़ाई के दौरान पर्वतारोहियों ने शून्य से नीचे के तापमान और तूफानी हवाओं सहित गंभीर ऊंचाई वाली परिस्थितियों का सामना किया। सभी टीम के सदस्य सुरक्षित रूप से शिखर पर पहुँचे, और चरणबद्ध तरीके से उतरना शुरू करने से पहले साझेदारी के प्रतीकात्मक संकेत के रूप में भारत और नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज फहराए।
यह संयुक्त उपलब्धि न केवल दोनों सेनाओं की पेशेवर उत्कृष्टता, धीरज और अंतर-संचालन क्षमता को रेखांकित करती है, बल्कि भारत-नेपाल रक्षा सहयोग की विशेषता वाले दशकों के आपसी विश्वास को भी मजबूत करती है। मिशन की सफलता गुलमर्ग के हाई-एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल में कठोर संयुक्त प्रशिक्षण और सिक्किम हिमालय में अभियान-पूर्व अनुकूलन के बाद मिली है।
अभियान दल के किसी सदस्य के घायल होने की सूचना नहीं है और इनके 22 मई तक बेस कैंप पर उतरने की उम्मीद है।