अपरा एकादशी के दिन इन नियमों का जरूर रखें ध्यान, व्रत का मिलेगा पूरा फल!

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धर्म { गहरी खोज } :हर माह की एकादशी तिथि पर एकादशी व्रत किया जाता है, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है। हर महीने में दो बार एकादशी व्रत रखा जाता है, इस प्रकार एक साल में कुल 24 एकादशी व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है, जिससे उसके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। एकादशी व्रत में कुछ नियमों का खास ध्यान रखा जाता है, वरना व्रत का पूरा फल नहीं मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि अपरा एकादशी व्रत के नियम क्या-क्या हैं।

इसका सेवन करना वर्जित
एकादशी के दिन चावल का सेवन पूर्ण रूप से करना वर्जित माना गया है। एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ घर के बाकी सदस्यों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। चावल के अलावा, एकादशी के दिन मांस, लहसुन, प्याज आदि के सेवन से दूरी बनानी चाहिए। ऐसा करने से पूरे परिवार पर श्रीहरि विष्णु की कृपा बनी रहती है।

तुलसी से जुड़े नियम
एकादशी के दिन तुलसी से जुड़े नियमों का भी जरूरी ध्यान रखना चाहिए। एकादशी पर न तो तुलसी में जल चढ़ाना चाहिए और न ही तुलसी के पत्ते उतारने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन पर तुलसी माता भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत करती हैं। ऐसे में इस दिन ये सभी कार्य करने से तुलसी माता के व्रत में विघ्न उत्पन्न हो सकता है।

इसके अलावा, एकादशी के दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें, क्योंकि तुलसी के बिना प्रभु श्रीहरि का भोग अधूरा माना जाता है। इसके लिए आप एक दिन पहले से ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें या फिर गमले में नीचे गिरे हुए पत्ते ले सकते हैं।

इस बात का जरूर रखें ध्यान
एकादशी व्रत के दौरान गुस्सा करने से बचना चाहिए और न ही मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए। एकादशी व्रत का पारण करना भी जरूरी माना जाता है, जो कि अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। अगर आप एकादशी व्रत के दौरान इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको व्रत का पूर्ण फल मिल सकता है।

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