‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भारत की प्रगति की कुंजी: किशन रेड्डी

हैदराबाद{ गहरी खोज } : तेलंगाना प्रदेश भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने रविवार को देश में चुनाव सुधारों की आवश्यकता पर जोर देते हुए ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ को भारत की प्रगति की कुंजी बताया और कहा कि शासन की दक्षता में सुधार और व्यवधानों को कम करने के लिए एक साथ चुनाव कराना महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान के तहत यहां आयोजित एक कार्यक्रम में को संबोधित करते हुए श्री रेड्डी ने कहा “आजादी के 76 साल बाद भी हम औपनिवेशिक युग की प्रणालियों का पालन करना जारी रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार पुराने कानूनों को वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप सुधारने की वकालत की है।” उन्होंने जोर दिया कि राज्यों में बार-बार चुनाव होने से प्रशासनिक कार्य बाधित होने के साथ ही जनशक्ति और संसाधनों का काफी नुकसान होता है तथा विकास में बाधा आती है। उन्होंने कहा कि अगर पूरे देश में एक साथ चुनाव होते हैं, तो इससे बहुमूल्य समय और ऊर्जा की बचत होगी और सुचारू शासन की सुविधा मिलेगी।
राजनीतिक दलों, बुद्धिजीवियों, विश्लेषकों और नागरिक समाज से इस मुद्दे पर जनता से जुड़ने और व्यापक आधार पर आम सहमति बनाने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा “यह एक जन आंदोलन बनना चाहिए , तभी हम वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं।” उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जीएसटी कार्यान्वयन, अनुच्छेद 370 को हटाना, ट्रिपल तलाक का उन्मूलन और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की शुरुआत जैसे प्रमुख सुधारों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “ये आसान निर्णय नहीं थे। इसके लिए दृढ़ संकल्प और राष्ट्र के लिए सही काम करने की इच्छाशक्ति की आवश्यकता थी। मोदी जी के नेतृत्व ने उन्हें संभव बनाया।”
राष्ट्रीय सुरक्षा पर श्री रेड्डी ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत निष्क्रिय रुख से सक्रिय दृष्टिकोण में बदल गया है। उन्होंने कहा, “पहले हम केवल मोमबत्ती जलाकर आतंकी हमलों की निंदा करते थे। आज हम विदेशी धरती पर भी सटीक हमलों के साथ जवाब देते हैं।“ऑपरेशन सिंदूर’जैसे ऑपरेशन हमारी सरकार के दृढ़ संकल्प का सबूत हैं”
उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे स्टेशनों सहित बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास पर भी प्रकाश डाला और कहा कि लगातार चुनाव ऐसे विकास की गति में बाधा डालते हैं। उन्होंने कहा, “यह केवल चुनावी सुधार के बारे में नहीं है। यह हमारे देश के लिए निर्बाध प्रगति और अगली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के बारे में है।”
एकजुट समर्थन का आह्वान करते हुए केंद्रीयमंत्री ने सभी वर्गों से राजनीति से परे सोचने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह केवल नीतिगत चर्चा नहीं है – यह देश के भविष्य के बारे में है। बुद्धिजीवियों, युवाओं और नागरिकों को एक राष्ट्र, एक चुनाव के बारे में शामिल होने के साथ ही जागरुकता पैदा करनी चाहिए।”