बेटे की हत्या का आरोपी पिता गिरफ्तार: कोर्ट ने भेजा जेल

0
18-77-1747384954-722533-khaskhabar

श्रीगंगानगर{ गहरी खोज }: जैतसर थाना पुलिस ने एक दिल दहला देने वाली घटना में अपने ही बेटे की हत्या के आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान राजकुमार (40) पुत्र महेन्द्र सिंह कम्बोज निवासी 11 बीजीडी के रूप में हुई है। आरोपी लंबे समय से शराब के नशे में पत्नी और बेटे के साथ मारपीट करता आ रहा था। 29 अप्रैल की रात उसने एक बार फिर हिंसा की हदें पार कर दीं, जिसके चलते 13 वर्षीय बेटे गौरव की इलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़िता की मां माया देवी पत्नी श्यामलाल कम्बोज निवासी 6 एच पतरोड़ा, अनूपगढ़ ने थाने में दर्ज करवाई शिकायत में बताया कि उसकी बेटी प्रवीण रानी की शादी 15 साल पहले राजकुमार से हुई थी। शुरू से ही राजकुमार शराब का आदी था और नशे की हालत में पत्नी और बेटे को पीटता था। इस घरेलू हिंसा की शिकायत कई बार पंचायत तक पहुंची, लेकिन हर बार राजकुमार ने गलती मानकर माफ़ी मांग ली। इसके बावजूद हिंसा का सिलसिला नहीं रुका।
29 अप्रैल को राजकुमार ने नशे में धुत होकर पत्नी प्रवीण रानी और बेटे गौरव के साथ बुरी तरह मारपीट की। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत पास के चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें बीकानेर के पीबीएम अस्पताल रेफर किया गया। इलाज के दौरान 3 मई को गौरव ने दम तोड़ दिया।
बेटे की मौत के बाद पुलिस ने राजकुमार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया और उसकी तलाश शुरू कर दी। आरोपी लगातार फरार चल रहा था, लेकिन 14 मई को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
जैतसर थानाधिकारी इमरान खान ने बताया कि आरोपी को गुरुवार, 15 मई को श्रीविजयनगर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उसे सूरतगढ़ जेल भेज दिया है।
इस घटना ने स्थानीय समाज को हिला कर रख दिया है। एक पिता द्वारा अपने ही पुत्र की हत्या कर देना न केवल पारिवारिक विघटन की पराकाष्ठा है, बल्कि घरेलू हिंसा की भयावह सच्चाई को भी उजागर करता है। लोगों में आक्रोश है कि यदि पहले ही कड़ी कार्रवाई की गई होती, तो गौरव की जान बच सकती थी।
यह मामला केवल एक हत्या नहीं, बल्कि एक परिवार के बिखरने और समाज में व्याप्त शराबजनित हिंसा की गंभीरता का उदाहरण है। सामाजिक संगठनों का कहना है कि ऐसे मामलों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए ज्यादा कठोर कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही शराब की लत से जुड़े अपराधों पर नियंत्रण के लिए ठोस नीति बनाई जानी चाहिए।
राजकुमार की गिरफ्तारी के साथ गौरव को न्याय की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन यह सवाल अब भी बाकी है कि क्या हम घरेलू हिंसा के संकेतों को समय रहते गंभीरता से लेते हैं? गौरव की मौत एक चेतावनी है—परिवार के भीतर की हिंसा जब तक दीवारों के भीतर दबी रहती है, तब तक वह भविष्य को निगलती रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *