गुरुवार का व्रत कौन रख सकता है? शुरू करने से पहले जान लें विधि और नियम

धर्म { गहरी खोज } : हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही, गुरुवार का व्रत करने से विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आप भी गुरुवार व्रत रखने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं कि गुरुवार का व्रत कौन रख सकता है और गुरुवार व्रत रखने के नियम क्या हैं।
गुरुवार का व्रत कौन रख सकता है?
गुरुवार का व्रत कोई भी रख सकता है, चाहे वह महिला हो या फिर पुरुष। साथ ही, विवाह की इच्छा रखने वाले अविवाहित व्यक्ति भी गुरुवार का व्रत रख सकते हैं। इसके अलावा, संतान की इच्छा रखने वाली महिलाएं भी गुरुवार का व्रत रख सकती हैं।
गुरुवार व्रत कितने करने चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार व्रत 16 रखना शुभ माना जाता है। 16 गुरुवार का व्रत रखने के बाद 17वें गुरुवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए। इसके अलावा, आप 1, 3, 5, 7 या 9 साल तक भी गुरुवार का व्रत रख सकते हैं।
गुरुवार का व्रत किस महीने में शुरू करना चाहिए?
गुरुवार का व्रत अनुराधा नक्षत्र और महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि से शुरू करना चाहिए। इन तिथियों पर गुरुवार का व्रत शुरू करने से भगवान विष्णु और बृहस्पति की कृपा प्राप्त होती है। पौष माह में गुरुवार का व्रत शुरू नहीं करना चाहिए।
गुरुवार व्रत रहने से क्या होता है?
धार्मिक मान्यता है कि गुरुवार का व्रत रखने से बिगड़े हुए काम बनते हैं और व्यक्ति के मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा, विष्णु जी की कृपा पाने के लिए गुरुवार का व्रत विशेष रूप से लाभकारी होता है। अगर कोई विद्यार्थी गुरुवार का व्रत रखता है, तो उसका पढ़ाई में ध्यान केंद्रित होता है और मन भी नहीं भटकता है।
गुरुवार व्रत के नियम और विधि क्या हैं?
गुरुवार का व्रत रखने के लिए कुछ नियम और विधि हैं जिनका पालन करना चाहिए, जो कि नीचे बताए गए हैं-
सुबह जल्दी उठें:- गुरुवार की सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और पीले कपड़े पहनें।
व्रत का संकल्प लें:- भगवान विष्णु और बृहस्पति देव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
पूजा करें:- भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, फूल, फल, मिठाई आदि चीजों को चढ़ाएं।
गुरुवार व्रत कथा पढ़ें:- पूजा के दौरान दीपक जलाएं और व्रत की कथा पढ़नी चाहिए।
केले के पेड़ की पूजा करें:- गुरुवार व्रत में केले के पेड़ की पूजा करें और केले के पत्तों का उपयोग करें।
आरती करें:- फिर भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की विधिपूर्वक आरती करनी चाहिए।
फलाहार करें:-गुरुवार व्रत में दिन में एक बार बिना नमक का भोजन ग्रहण करना चाहिए।
गुरुवार व्रत के क्या नियम हैं?
1.गुरुवार के व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
2.गुरुवार व्रत के दिन केले का सेवन नहीं करना चाहिए।
3.गुरुवार व्रत के दौरान काले और नीले कपड़े न पहनें।
4.साधु-संतों और पशु-पक्षियों का अपमान नहीं करें।
5.गुरुवार व्रत के दिन सिलाई नहीं करनी चाहिए।
6.गुरुवार के दिन पूजा का सामान खरीदने से बचें।
7.गुरुवार व्रत में महिलाओं को बाल न धोने चाहिए।
8.गुरुवार व्रत के दिन नाखून नहीं काटने चाहिए।