1.75 करोड़ घरों को रोशन करेगा अदाणी का खावड़ा सोलर प्लांट

खावड़ा (कच्छ){ गहरी खोज }: भारत के शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाने में महत्ती भूमिका निभा रही कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीआईएल) की गुजरात के कच्छ के खावड़ा में बन रही दुनिया की सबसे बड़ी सौर परियोजना पूरी तरह से तैयार होने पर 1.75 करोड़ घरों को बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी।
यह परियोजना 538 वर्ग किलोमीटर अर्थात 132943 एकड़ में फैली है जो लगभग मुंबई के आकार के बराबर है और
परेसि से पांच गुना बड़ा है। इस संयंत्र ये पौलेंड , कनाडा या स्पेन की पूरी आबादी को बिजली आपूर्ति की सकता है। कंपनी के अनुसार इस सोलर पार्क को आसमान से देखा जा सकता है। यह परियोजना 30 हजार मेगावाट क्षमता की है जिसमें 26 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और चार हजार मेगावाट पवन ऊर्जा शामिल है। अभी इस परियोजना में 4106.9 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 50 गीगावाॅट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का है और खावड़ा प्लांट की क्षमता 30 गीगावॉट है। एजीईएल ने 2029 तक करीब 1.60 लाख करोड़ रुपये के निवेश से इस परियोजना को पूरा करने वाली है। इसके पूर्ण होने में इसमें 6 करोड़ सोलर पैनल लगगें और करीब 800 पवन चक्की लगेगी। कंपनी ने नयी प्रौद्योगिकी से ऐसी पवन चक्की बनायी है जो एक पवन चक्की 5.2 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम है। कंपनी ने जर्मनी के डब्ल्यू 2ई विंड टू एनर्जी के साथ मिलकर 5.2 मेगावाट की सबसे शक्तिशाली ऑनशोर विंड टर्बाइन विकसित की है, जिसमें 160 मीटर का रोटर व्यास, 20,106 मीटर का स्वीप्ट एरिया और 200 मीटर की टिप ऊंचाई है। कंपनी इस प्लांट में ऐसे सोलर पैनल लगा रही है जो दोनों ओर से बिजली उत्पादन करने में सक्षम है। इनमें से अधिकांश सोलर पैनलों ऐसे लगाये गये हैं जो धूप के साथ घुमने में सक्षम है। सोलर पैनलों की प्रतिदिन स्वचालित रोबोटिक मशीनों से सफाई की जाती है जिसमें पांनी का उपयोग नहीं किया जाता है।
यह कंपनी का पूरी तरह से शून्य पानी उपयोग वाला प्लांट है और इससे 171.6 करोड़ लीटर पानी का बचत होगा। कंपनी ने हाल ही में करीब 700 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का संचालन शुरू किया है, जिससे खावड़ा में कुल क्षमता चार हजार मेगावाट हो गई है। खावड़ा प्लांट अकेले 87.4 अरब यूनिट बिजली पैदा करेगा, जो 1.74 करोड़ घरों को बिजली आपूर्ति करने में सक्षम होगा। इससे सालाना 6.36 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा। खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क अकेले भारत की कुल सोलर ऊर्जा उत्पादन का 9 फीसदी उत्पादन कर सकता है। खावड़ा परियोजना पूरी दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा पावर प्लांट है। इससे 15200 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मिलने का अनुमान है।
कंपनी ने पूरा होने के बाद, यह सभी ऊर्जा स्रोतों में ग्रह का सबसे बड़ा बिजली संयंत्र होगा। एजीईएल ने अब तक खावड़ा में 4,106.9 मेगावाट सौर और पवन ऊर्जा की संचयी क्षमता का संचालन किया है। पिछले 5 वर्षों में, अदाणी ग्रीन ने इस साइट के विकास पर काम शुरू करने से पहले भू-तकनीकी जांच, भूकंपीय अध्ययन, कैम्ब्रिज द्वारा एक सेंट्रीफ्यूज अध्ययन, संसाधन मूल्यांकन और भूमि अध्ययन, पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (ईएसआईए), पर्यावरण और सामाजिक उचित परिश्रम (ईएसडीडी), और कई अन्य के अलावा एक विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन किया।
कंपनी ने व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास के प्रयास में 100 किलोमीटर की सड़कों का निर्माण, जल निकासी, परियोजना कर्मचारियों की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विलवणीकरण और रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) संयंत्रों की स्थापना, कनेक्टिविटी के लिए 180 किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना और कंक्रीट बैचिंग प्लांट शामिल हैं। इसके अलावा, 15,000 से अधिक कर्मचारियों और श्रमिकों को समायोजित करने के लिए एक टाउनशिप बनाई गई है, जो चिकित्सा सुविधाओं, दैनिक आवश्यकताओं, बैंकिंग सेवाओं और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है।