एनआरएआई और ओएनडीसी ने अटकलों पर लगाया विराम, मजबूत साझेदारी की पुष्टि

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नई दिल्ली, { गहरी खोज } : नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि रेस्टोरेंट बॉडी ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ अपनी साझेदारी को खत्म कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स ने परिचालन अस्थिरता और ओएनडीसी की रणनीतिक प्रतिबद्धता की कमी का हवाला देते हुए दावा किया था कि एनआरएआई ने ओएनडीसी पर सदस्यों को शामिल करने की अपनी योजना को रोक दिया है। दोनों संगठनों ने बयान में कहा, “हम संयुक्त रूप से स्पष्ट करते हैं कि ये दावे गलत और भ्रामक हैं।” बयान में आगे कहा गया कि हमारी साझेदारी दूरदर्शी रहते हुए सक्रिय बनी हुई है। बयान में कहा गया है कि दोनों संगठन एक इंक्लूसिव फ्रेमवर्क को विकसित करने के लिए अधिक रणनीतिक रूप से काम कर रहे हैं। दोनों संगठनों का यह प्रयास देश भर में फूड बिजनेस के विकास और डिजिटल सशक्तीकरण का समर्थन करेगा।
एनआरएआई के अध्यक्ष सागर दरयानी ने कहा, “हमने कुछ भी नहीं रोका है। ओएनडीसी के साथ हमारा जुड़ाव जारी है और उद्देश्यपूर्ण बना हुआ है। हम वर्तमान में एक स्केलेबल मॉडल बनाने की प्रक्रिया में हैं और ओएनडीसी की फूड काउंसिल के माध्यम से चर्चा कर रहे हैं, जिसमें रेस्टोरेंट और नेटवर्क प्रतिभागियों और एनआरएआई जैसे सभी हितधारकों की भागीदारी शामिल है।” उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट बॉडी को ओएनडीसी के ओपन और अंतर-संचालन नेटवर्क की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास है। एनआरएआई ने जनवरी में अपने मेंबर रेस्टोरेंट्स को सरकारी समर्थन प्राप्त ओएनडीसी प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्ड करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास किया था। इस साझेदारी का उद्देश्य रेस्टोरेंट को न्यायसंगत और पारदर्शी शर्तों पर डिजिटल कॉमर्स में भाग लेने में सक्षम बनाना था।
ओएनडीसी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरीची माथुर ने कहा, “एनआरएआई के साथ हमारा जुड़ाव जारी है और साथ मिलकर हम एक समावेशी, पारदर्शी और अंतर-संचालन नेटवर्क बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जो लाखों रेस्टोरेंट्स और फूड ब्रांड्स को अपनी शर्तों पर डिजिटल कॉमर्स में भाग लेने के लिए सशक्त बनाता है।” माथुर ने कहा, “यह साझेदारी सभी आकार के फूड बिजनेस के लिए एक्सेस, विजिबिलिटी और समान विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। हम ऐसे इनोवेटिव रास्ते तलाश रहे हैं, जो उद्योग के हितधारकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए लाभदायक हों।”

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