पोप फ्रांसिस को अंतिम विदाई: वेटिकन में शुरू हुआ अंतिम दर्शन का सिलसिला

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वेटिकन सिटी{ गहरी खोज } : दुनिया भर के करोड़ों कैथलिकों के लिए यह एक भावुक क्षण है। पोप फ्रांसिस की पार्थिव देह को बुधवार सुबह वेटिकन स्थित डोमस सेंटा मार्टा से सेंट पीटर्स बेसिलिका ले जाया गया, जहां अगले तीन दिनों तक आम श्रद्धालु उन्हें अंतिम बार श्रद्धांजलि दे सकेंगे।
वेटिकन में यह रस्म गहरी धार्मिक परंपरा और सम्मान के साथ अदा की गई। कार्डिनल केविन फेरेल, जो इस समय वेटिकन प्रशासन का नेतृत्व कर रहे हैं, ने डोमस सेंटा मार्टा के निजी चैपल में एक विशेष प्रार्थना समारोह का आयोजन किया। इस समारोह के बाद पोप फ्रांसिस के ताबूत को बेसिलिका तक जुलूस में ले जाया गया। उनके ताबूत के दोनों ओर स्विस गार्ड्स पूरी निष्ठा से खड़े थे, जबकि लाल परिधान में पादरियों की कतार प्रार्थना और भक्ति के साथ आगे बढ़ रही थी। सेंट पीटर्स स्क्वायर में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे, जिनकी आंखों में श्रद्धा और ग़म का भाव था। बेसिलिका के द्वार आम जनता के लिए खोल दिए गए, ताकि वे अपने प्रिय पोप के दर्शन कर सकें, जिनका जीवन करुणा, न्याय और विश्व शांति के लिए समर्पित रहा।
पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार शनिवार को सेंट पीटर्स स्क्वायर में होगा, जिसमें दुनिया भर के प्रमुख नेताओं के शामिल होने की संभावना है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस समारोह में भाग लेने के लिए शुक्रवार को रोम पहुंचने वाले हैं। व्हाइट हाउस की ओर से यह जानकारी दी गई है कि वे अंतिम संस्कार के तुरंत बाद स्वदेश लौट जाएंगे।
फ्रांसिस, जिनकी आयु 88 वर्ष थी, को उनके साहसिक निर्णयों, गरीबों के प्रति करुणा और विश्व में आपसी संवाद को बढ़ावा देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वेटिकन में इन दिनों सिर्फ शोक का माहौल नहीं है, बल्कि यह समय एक ऐसे युग की विदाई का है, जिसने चर्च और समाज दोनों में नई सोच की नींव रखी। शुक्रवार से पहले तीन दिनों तक पोप फ्रांसिस के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु वेटिकन पहुंच रहे हैं। उनके जीवन का यह अंतिम अध्याय अब इतिहास बन रहा है। एक ऐसी विरासत के साथ, जो आने वाले समय में भी लोगों को प्रेरित करती रहेगी।

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