टनल संख्या 8 बनी भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग, टीबीएम ‘शक्ति’ ने रचा इतिहास

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ऋषिकेश{ गहरी खोज } :125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल परियोजना के तहत सौड–जनासू टनल (टनल संख्या-8) में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त हुई है। 14.57 किलोमीटर लंबी यह सुरंग अब देश की सबसे लंबी रेल सुरंग बन गई है। बुधवार को इस सुरंग का पहला ब्रेकथ्रू जर्मन तकनीक से बनी टनल बोरिंग मशीन ‘शक्ति’ की मदद से सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
यह विशेष उपलब्धि भारत में पहली रेल सेवा की 172वीं वर्षगांठ (16 अप्रैल 1853) के दिन हासिल हुई, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया। इस गौरवपूर्ण क्षण के साक्षी बने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी। जनासू छोर पर जैसे ही सुरंग की अंतिम दीवार टूटी, इंजीनियरों, अधिकारियों और मजदूरों ने “वंदे मातरम्” के जयघोष के साथ इस ऐतिहासिक उपलब्धि का उत्सव मनाया।
टनल बोरिंग मशीन ‘शक्ति’ ने कठिन हिमालयी भूगोल में निरंतर कार्य करते हुए इस मुख्य सुरंग को पूरा किया है। एक अन्य टनल बोरिंग मशीन ‘शिवा’ द्वारा समानांतर सुरंग का निर्माण कार्य जारी है, जिसका ब्रेकथ्रू जुलाई 2025 तक होने की उम्मीद है। यह सुरंग ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग की रीढ़ मानी जा रही है, जो देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे पहाड़ी क्षेत्रों को जोड़ते हुए उत्तराखंड की कनेक्टिविटी को मजबूत बनाएगी।
उल्लेखनीय है कि इस रेल परियोजना का 83% हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरता है, जो इसे इंजीनियरिंग की दृष्टि से अत्यंत चुनौतीपूर्ण बनाता है। रेल मंत्री वैष्णव ने निर्माण टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह सफलता न केवल तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि सरकार की दूरस्थ क्षेत्रों में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर पहुंचाने की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।

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